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________________ कड़ धार हाधार क संयुक्त प्रान्तीय असेम्बली के चुनाव में कांग्रेस की ऐसी विजय हुई कि उसके विरोधी दङ्ग रह गये, जो लोग मिनिस्टर आदि बनने के मनसूबे बाँधे हुए थे, असेम्बली में पहुँच तक न सके । पुरानी प्रान्तीय कौंसिल के सभापति सर सीताराम, लेडी कैलाश श्रीवास्तव और लीडर - सम्पादक श्रीयुत सी ० वाई० चिन्तामणि आदि जो असेम्बली की शोभा बढ़ाते और उसमें चहल-पहल पैदा करते उसमें जाते जाते रुक गये । पर कदाचित् व देश कोरी शोभा या चहल-पहल नहीं चाहता या उसे यह आशा कि कांग्रेसवाले और भी मज़ेदार चहल-पहल शुरू करेंगे । X X X इस चुवाव में बहुत-से लोगों को अपनी ज़मानतें गँवानी पड़ीं । बहुत-से लोग ख़ुश हो रहे हैं कि अच्छा हुआ, हम नहीं खड़े हुए और बहुत से लोग सोचते हैं कि कांग्रेस के नाम पर हम भी खड़े हो जाते तो अच्छा होता । क्या अच्छा हो कि ये अनुभव लोगों को याद रह जायँ और इन्दा फिर चुनाव श्रावे तब वे इससे लाभ उठावें । X X X यार में शान्ति की पुकार मची हुई है। ब्रिटेन शान्ति चाहता है, जर्मनी शान्ति के लिए लालायित है, फ्रांस शांति का उपासक है, इटली शांति के लिए चिन्तित है। I और रूस साक्षात् शान्ति का दूत होने की घोषणा कर रहा है । ये सब देश बम, विषैली गैसें, मशीनगनें और हवाई जहाज़ आदि युद्ध की सामग्री दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ाते चले जा रहे हैं, क्योंकि इनका ख़याल है कि इसके बग़ैर शांति की स्थापना नहीं हो सकती । कदाचित् इन राष्ट्रों का यह ख़याल है कि जिस भूमि पर शान्ति की स्थापना करनी हो वह कुछ समय के लिए युद्ध क्षेत्र बना दी जाय। लोग कटकर मर जायँगे, शान्ति अपने आप स्थापित हो जायगी । उसी चिर शान्ति की और योरप जा रहा है । यदि ये सब राष्ट्र बजाय यह कहने के कि हम शान्ति चाहते हैं, यह कहें कि हम मौत चाहते हैं तो अधिक सार्थक हो । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat 3416 चमचमात चंचल नयन, बिच घूँघट पट झीन । माहु सुर सरिता बिमल, जल उछरत जुग मीन ॥ 'चित्रकार - श्री केदार शर्मा X X X मैसूर नगर की म्युनिसिपैलिटी ने वहाँ के हज्जामों पर टैक्स लगा दिया है। इसके परिणाम स्वरूप वहाँ के हज्जामों ने गत १४ फ़रवरी से हड़ताल कर रक्खी हैं और फ़ैशनेबल लोग 'पितृपक्ष' की याद दिला रहे हैं । इस प्रकार के पेशेवालों पर टैक्स लगाकर राज्य की श्राय बढ़ाने की म्युनिसिपैलिटी की सूझ प्रशंसनीय । पर २९५ www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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