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________________ संख्या ३ ] बासम बाजपेई पाँड़े पक्षिराजसम । हंस से त्रिवेदी और सोहैं बड़े गाथ के ॥ कुही सम सुकुल मयूर से तिवारी भारी । माथ के || जु सम मिसिर नवैया नहीं नीलकंठ दीक्षित अवस्थी हैं चकोर चारु । चक्रवाक दुबे गुरुसुख सब साथ के 11 एते द्विज जाने रंग रंग के मैं याने । देश देश में बखाने चिड़ीखाने हरिनाथ के || १ || नरहरि के वंश में दयाल नाम के एक कवि हुए हैं। ये भी कहते हैं कोसभर गंगा ते प्रकट पखरौली गाँव । देवी नरहरि की प्रसिद्ध 'सिंहबाहिनी' || FE EE TREE नदी ' हरताल ' । हाथिन के हलके हिलत के अथाहनी || भनत 'दयाल' भुइयाँ धई भीतर में 1 नव कल्यानपुर 'शीतला ' सराहनी || चकवे चक्कते अकबर बली बादशाह | तेरी बादशाही में इतेक देवी दाहनी || १ || 'सिंहवाहनी' देवी का मंदिर पखरौली में, 'भुइयाँ देवी' इस ओर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए । शुचि - स्मित वर्णाभरणा ! थर थर थर नीलाम्बर, बहा पवन परिमल-भर, प्रतिहत तम के स्तर स्तर, जागी किरणास्तरणा । का निवास गीत लेखक, श्रीयुत कुँवर चन्द्रप्रकाशसिंह फा. ७ 'Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat पुर का धई ग्राम में और 'शीतलादेवी' का मंदिर बेंती - कल्यान - में अब तक स्थापित है। अकबर बादशाह ने नरहरि कवि को निम्नलिखित ग्राम पुरस्कार में दिये थेकोसभर गंगा ते प्रगट पखरौली ? गाँव । दूजे मिरजापुर कल्यानपुर रती है | और नरहरिपुर गाँव धर्मापुर" है । तारापुर ६ बन्ना जमुनीपुर 'कुनेती 11 भनत 'दयाल' एकडला गौरी १० बड़ोगाँव । चाँदपुर लूक ११ सुरजूपुर १२ बरेती १३ है ॥ श्री नानकार के इतेक नाम गाँवन के । जाहिर जहाँन जहाँगिरवा १४ समेती है ॥ १ ॥ कहते हैं कि हिन्दी के प्राचीन कवियों की काफ़ी खोज हो चुकी है । परन्तु जब नरहरि जैसे राजमान्य कवियों के 9 सम्बन्ध में यह हाल है तब दूसरों के सम्बन्ध में क्या होगा, कौन कह सकता है । सुना है, नरहरि के वंश में आज भी लाल, ब्रजेश जैसे प्राचीन शैली के ख्याति प्राप्त कवि विद्यमान हैं। ये चाहें तो नरहरि और हरिनाथ के ग्रन्थों का उद्धार हो सकता है। प्राचीन कविता के प्रेमियों को २५७ व्यञ्जित रे ! नव-नव स्तव, उत्थित खग-कुल कलरव, खोले दल मुद्रित भव, उतरो, शिञ्जित-चरणा ! www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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