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________________ संख्या २] ग्रामों की समस्या दृष्टिगोचर होती थी । बात यह थी कि वह सब एक तमाशे की भाँति किसान ने ग्रहण किया था, इसी से बाज उस कार्य का कोई अस्तित्व भी नहीं रह गया है। श्राज जो ग्राम-सुधार कार्य हो रहा है उसका अधिकांश इसी प्रकार का है । तएव यह निश्चयपूर्वक कहा जा सकता है कि ग्राम-सुधार का कार्य तभी स्थायी और सफल हो सकता है जब सुधार अन्दर से हो न कि बाहर से । एक दूसरा प्रश्न भी इस विषय में महत्त्वपूर्ण है । ग्राम-सुधार एक एक समस्या को लेकर चलने से हो सकता है अथवा सब समस्याओं को एक साथ हाथ में लेने से । अभी तक ग्राम-सुधार-कार्य को टुकड़े टुकड़े करके करने का प्रयत्न किया गया है, किन्तु अनुभव और अध्ययन बतलाता है कि इस प्रकार सफलता मिलना बहुत कठिन है । कोई सफ़ाई और स्वास्थ्य को लेकर चल रहा है, कोई किसानों के ऋण की समस्या को हल करने में लगा हुआ है, तो कोई मुकद्दमेबाज़ी को बन्द करना चाहता है । ये सब प्रयत्न अत्यन्त प्रशंसनीय हैं, इसमें कोई सन्देह नहीं । परन्तु जो लोग ग्रामों की वास्तविक दशा को जानते हैं वे भली भाँति समझते हैं कि गाँव में जितनी भी समस्यायें हैं वे एक-दूसरे से ऐसा घनिष्ठ सम्बन्ध रखती हैं कि पृथक् नहीं की जा सकतीं । ग्राम-सुधार का कार्य तभी पूर्ण सफल हो सकता है जब सब समस्याओं के विरुद्ध एक साथ युद्ध छेड़ दिया जाय । कार्य कठिन दिखलाई देता है, परन्तु बिना इसके किये निस्तार नहीं है। उदाहरण के लिए ग्रामीण ऋण की समस्या को ही ले लीजिए । यह स्थायी रूप से तभी हल की जा सकती है जब मुकदमेबाजी, सामाजिक कुरीतियों, खेती की उन्नति, स्वास्थ्य और सफ़ाई, पशुओं की उन्नति और उनकी चिकित्सा तथा शिक्षा की समस्यायें हल की जायँ । फिर उनके पुराने ऋण का परिशोध करने के लिए कोई कानून बनाया जाय और भविष्य में पूँजी का प्रबन्ध करने के लिए सात्र समितियाँ स्थापित की जायँ । इसी प्रकार मुक़द्दमेबाज़ी का रोग दूसरी कुरीतियों तथा मनोरञ्जन के प्रभाव से सम्बन्ध रखता है । कहने का तात्पर्य यह है कि जो मनुष्य भारतीय ग्रामों की समस्याओं को एक एक करके देखने का अभ्यस्त है वह उनको हल नहीं कर सकता । ग्राम-सुधार कार्य करनेवाले को तो सारी समस्याओं का एक साथ सामना करना चाहिए। तभी सफलता मिल सकती है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat १३९ भारतवर्ष में ६ लाख से कुछ ऊपर ग्राम हैं । यह संख्या ब्रिटिश भारत तथा देशी राज्यों के गाँवों की है । यदि मान लिया जाय कि ग्राम सुधार कार्य को सफल बनाने के लिए १० वर्ष लगातार कार्य करने की आवश्यकता है तो भी कार्य की गुरुता स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। ऐसी दशा में यह निश्चय करना कि ग्राम सुधार कार्य की प्रणाली कैसी हो, अत्यन्त आवश्यक हो जाता है । बिना यह निश्चय किये कि किस प्रकार की पद्धति देश की स्थिति को देखते हुए. विशेष लाभदायक होगी, कार्य प्रारम्भ कर देना भयङ्कर भूल होगी। यह तो पहले ही कहा जा चुका है कि सब सम - स्थात्रों को एक साथ हाथ में लेने से ही यह कार्य सफलता-पूर्वक हो सकता है, अतएव यह आवश्यक है कि भिन्न भिन्न स्थानों पर ग्राम-सुधार केन्द्र स्थापित किये जायँ और उन केन्द्रों के द्वारा समीपवर्ती ग्रामों में सुधार कार्य किया जाय । ग्राम-सुधार केन्द्र के कार्यकर्ताओं का उद्देश यह होना चाहिए कि वे क्रमशः अपने क्षेत्र में ऐसे स्थानीय नेता तथा कार्यकर्ता उत्पन्न कर दें जो भविष्य में उन गाँवों का कार्य स्वयं अपने हाथ में ले लें। नहीं तो इतने ग्रामों के सुधार के लिए असंख्य मनुष्यों और अपार धन की आवश्यकता होगी । कुछ वर्ष कार्य करने के बाद जब कार्यकर्ताओं को यह विश्वास हो जाय कि स्थानीय कार्यकर्ता अब इस कार्य को चला सकेंगे, साथ ही सुधार की भावना ने ग्रामीणों के हृदय में स्थान कर लिया है, तब केन्द्र वहाँ से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाय । यह तभी हो सकता है जब ग्रामीणों में अपनी दशा सुधारने की इच्छा बलवती हो । आज भारतीय ग्रामीण संसार का सबसे अधिक निराशावादी, भाग्यवादी तथा मूर्खता की सीमा तक पहुँचनेवाला संतोष कर जीवित रह रहा है । सैकड़ों वर्षों से उसका जो भीषण शोषण हो रहा है उससे उसका पशु से भी गिरा हुआ जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है । आज भारतीय किसान को यह विश्वास ही नहीं होता कि कोई ऐसा व्यक्ति भी हो सकता है जो उसका शोषण न .. करे और इस बात की तो वह कल्पना ही नहीं कर सकता कि उसकी दशा में कभी सुधार भी हो सकता है । अतएव ग्रामोद्धार कार्यकर्तायों का पहला कर्तव्य यह होना चाहिए कि वे किसानों में अपनी इस पतित अवस्था के विरुद्ध असंतोष उत्पन्न करें और उनमें विश्वास और श्रात्म-सम्मान उत्पन्न www.umaragyanbhandar.com
SR No.035249
Book TitleSaraswati 1937 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1937
Total Pages640
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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