SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 537
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उदयपुर N विजयादशमी लेखक, कुवर चाँदकरण शारदा कुँवर चाँदकरण शारदा गत दशहरा के दिनों में उदयपुर गये थे और मेवाड़ के महाराना के मेहमान हुए थे। इस लेख में आपने वहाँ के दशहरे के उत्सव का बड़े सुन्दर ढङ्ग से वर्णन किया है। [हिज़ हाइनेस महाराना सर भूपाल सिंह जी, जी० सी० एस० आई० रभूमि राजस्थान के मेदपाट हथेली में लिये हुए, निर्भय वीर योद्धाओं के ऐतिहासिक (मेवाड़) प्रान्त की राजधानी वीरतापूर्ण कार्यों से सुवासित है । अतः इसके यश उदयपुर और प्रातःस्मरणीय गा-गाकर कर्नल टाड जैसे निष्पक्ष अँगरेज़ और भारत नवी देशभक्त महाराना प्रताप की के बड़े-बड़े विद्वान् इतिहास-लेखकों ने इसके सुवर्ण जन्मभूमि चित्रकूट (चित्तौड़) इतिहास को लिखकर इसे अमर कर दिया है। ऐसी किस देशभक्त भारतवासी को वीरभूमि की तीर्थयात्रा करने के लिए हम इस बार प्यारी नहीं ? प्राचीन संस्कृति दशहरे के सुअवसर पर गये। भगवान् राम के वंशज के रक्षक धनुष की टंकार करनेवाले भीलों की विहार- सूर्यकुल-शिरोमणि, आर्यकुल-कमल-दिवाकर, हिन्दु स्थली मेवाड़ की कौन प्रशंसा नहीं करता ? धर्म के रक्षार्थ सूर्य उदयपुर के महाराना किस प्रकार दशहरा मनाते ज़िन्दा चिताओं में भस्म होनेवाली वीर-प्रसविनी वीर हैं, यह देखने की उमंग कई वर्षों से मेरे हृदय में थी। राजपूतनियों की जन्म-भूमि का कौन गुणगान नहीं राजस्थान प्रान्तीय हिन्दू-सभा का शिष्टमंडल उदयपुर करता ? मेवाड़ की पुनीत भूमि धर्म, जातीयता तथा पहुँचा । हिज़ हाईनेस महाराना साहब सर भूपालसिंह जी भारतीय संस्कृति की त्रिवेणी के निर्मल जल से सिञ्चित बहादुर जी० सी० एस० आई० ने तथा उनके योग्य है। यह वीर-वाटिका, केसरिया बाना पहने हुए, सिर को मंत्रिमंडल ने हमें राज्य का मेहमान बनाया और हमें ४८९ Shredu armaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy