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________________ संख्या ५ J (३) अबू मुहम्मद अब्दुल्ला बिन अब्दुर्रहमान समरक़न्दी की पुस्तक का नाम 'दारमी' है । ये सन् १८३ हिजरी (सन ७९९ ई०) में पैदा हुए थे और सन ८६ ईसवी में मरे थे । हदीस (४) अबू दुल्ला मुहम्मद बिन इस्माईल प्राय: इमाम बोखारी के नाम से विख्यात हैं। ये सन ८०९ ईसवी में बोखारा में पैदा हुए थे। इन्होंने १६ वर्ष परिश्रम करके छः लाख हदीसें एकत्र की थीं, जिनमें से लगभग चार हज़ार हदीसों को इन्होंने ठीक समझा और उनको विषयानुसार क्रम से अपने ग्रन्थ में जमा किया, जो 'महीह बोखारी' के नाम से प्रसिद्ध है । हदीस के समस्त ग्रन्थों में इनका यह ग्रन्थ सबसे अधिक माननीय है । इनका देहान्त सन ८६९ ईसवी में हुआ है । (५) अबुल हुसैन मुस्लिम बिन हज्जाज प्रायः 'इमाम मुस्लिम' के नाम से विख्यात हैं । ये सन ८१९ ईसवी में नीशापुर (ईरान) में पैदा हुए थे, इन्होंने तीन लाख हदीसें एकत्र की थीं, जिनमें से बारह हज़ार को ठीक समझकर अपने ग्रन्थ में लिखा था जो 'सहीह मुस्लिम' के नाम से विख्यात हैं और जिसका पद 'सहीद बोखारी' के बाद है । इन दोनों को ही सुन्नी मुसलमान अधिक शुद्ध मानते हैं । इस कारण दोनों का एक संयुक्त नाम 'सहीहैन ' है । इमाम मुस्लिम का देहान्त सन् ८७४ ईसवी में हुआ था । 1 (६) इमाम अबू दाऊद सुलेमान बिन अशअस सन् ८१७ ईसवी में सीस्तान (ईरान) में पैदा हुए थे । इन्होंने पाँच लाख हदीसें एकत्र की थीं, जिनमें से केवल चार हजार आठ सौ हदीसों का एक संग्रह तैयार किया था, जो 'सुनन अबू दाऊद' के नाम से प्रसिद्ध है। कुछ लोगों का मत है कि 'सहीह मुस्लिम' के पश्चात् इसी ग्रन्थ का पद है । इसके सम्पादक का देहान्त सनईसवी में हुआ था । (७) अबू ईसा मुहम्मद बिन ईसा का जन्म Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat ४११ तिर्मिज नामी स्थान में सन् ८२४ ईसवी में हुआ था । ये इमाम बोखारी के शिष्य थे। इनका ग्रन्थ 'जामे तिर्मिज़ी' के नाम से विख्यात है । इनका देहान्त सन ८२४ ईसवी में हुआ था । कुछ लोगों का मत है कि 'सहीह मुस्लिम' के पश्चात् 'सुनन अबू दाऊद का नहीं, बल्कि 'जामे तिर्मिज़ी' का है। पढ़ का (८) इमाम अबू अब्दुर्रहमान अहमद बिन यैब जन्म थसा नामक स्थान (ईरान) में सन् ८२९ ईसवी में हुआ था। इनके ग्रन्थ का नाम 'सुनन अब्दुरहमान नसाई' है । इनकी मृत्यु ९१५ ईसवी में हुई थी । (९) इमाम अबू अब्दुल्ला मुहम्मद बिन यजीद इब्न माजा का जन्मस्थान क़ज़वीन (ईरान) है । इनके ग्रन्थ में चार हज़ार हदीसें हैं। इनके जन्म का समय सन ८२४ ईसवी और मृत्यु का सन् ६ ईसवी है । उक्त समस्त ग्रन्थकारों के। ग्रन्थों में से केवल छः को 'सेहाह सित्तः' अर्थात् 'विशुद्ध छ : ' कहते हैं और ज्यादातर उन्हीं को लोग मानते हैं । इनमें से नंबर ४, ५, ६, ७ र ८ अर्थात् इन पाँचों को सभी लोग उत्तम समझते हैं, किन्तु कुछ लोगों की दृष्टि में विशुद्ध छठा ग्रन्थ नं० ९ है और कुछ लोगों के विचार से नं० ३ है । ( ३ ) इन समस्त ग्रन्थों में अनेक हदीसें ऐसी हैं जो कई ग्रन्थों में पाई जाती हैं, यद्यपि प्रत्येक ग्रन्थ के सम्पादक ने स्वतंत्रता के साथ एक-दूसरे से पृथक रहकर काम किया है । समस्त लेखकों के जन्मस्थान, जन्मकाल तथा मृत्युकाल से यह स्पष्ट हो जाता है कि अनेक लेखक अरब के बाहर के थे और सब लोगों का जन्म हज़रत मुहम्मद की मृत्यु ( सन् ६३२ ई०) के समय से बहुत दिन बाद हुआ * यह स्थान जेहूँ नदी के निकट पूर्वीय तुर्किस्तान में है । www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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