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________________ इंग्लैंड में विद्यार्थियों के New Band Encloure. E aurma [ईस्टबोर्न में समुद्र के किनारे वेंड का स्थान लेखक, श्रीयुत श्रीमन्नारायण रीक्षा के समाप्त होते ही एक बड़ा सुन्दर स्थान है। समुद्र के नहाने के लिए। लन्दन से बाहर भागने यहाँ हज़ारों लोग आते हैं। स्वास्थ्य के लिए भी की पड़ी। बाई० एम० यह जगह बहुत अच्छी समझी जाती है। हम लोग सी० ए० के मंत्री मिस्टर शहर में नहीं रहना चाहते थे, इसलिए पास ही एक | पोन्सफ़ोर्ड ने ईस्टबार्न के सुन्दर गाँव में अपने डेरे खड़े किये । हमारा कैम्प | Pe पास एक गाँव में कैम्प एक ऊँचे स्थान पर था, जहाँ से दूर तक खेतों का का प्रबन्ध किया था। दृश्य और समुद्र भी दिखलाई देता था। ऊँचीदूसरेही दिन सुबह हम लोग कैम्प के लिए रवाना हुए। नीची भूमि पर हरी हरी घास और पेड़ बहुत ही। ईस्टबान इंग्लेंड के दक्षिण में समुद्र के किनारे सुहावने लगते थे। थोड़ा आराम करके हम लोगों ने समुद्र में स्नान । करने का विचार किया। अपने अपने नहाने के | कपड़े लेकर पैदल चल दिये। धूप काफी तेज थी । इंग्लेंड में लोग अपना अवकाश और दूर से समुद्र का पानी खूब चमक रहा था। का समय किस तरह विनोदपूर्वक यद्यपि हमारा स्थान ईस्टबोन से दूर था, तो भी | व्यतीत करते हैं। इसका एक यहाँ समुद्र-स्नान के प्रेमियों की भीड़ थी। सागर । उदाहरण पाठकों को इस लेख की लहरें किनारे के कंकड़ों पर ज़ोर ज़ोर से गिर में मिलेगा । रही थीं। कुछ दूर पर छोटे छोटे जहाज़ इधर-उधर । जा रहे थे। किनारे पर बहुत-से स्त्री और पुरुष अपनी नहाने की पोशाक पहने सूर्य-स्नान कर रहे | ४०४ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-mara. Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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