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________________ ३२६ सरस्वती HTT 111 [ तोक्यो — पार्लमेंट-भवन ] उन्होंने भारतीय छात्रों के लिए तोक्यो में एशिया-लाज खाल रक्खा है, जिसमें २५ येन् (प्रायः २० रुपये) मासिक में भोजन और निवास दोनों का प्रबन्ध है।' भारतीय बौद्धों के लिए जापान में एक विहार बनवाने का वे विचार कर रहे हैं । सम्मेलन में चीन, मंचूरिया, स्याम, ब्रह्मदेश, अमरीका, योरप, भारत सभी देशों के आदमी शामिल हुए। बृहद् अधिवेशन तो पिछले वर्ष हुआ था, यह तो सिर्फ़ स्मारक वार्षिक भोज के तौर पर था, तो भी कितने ही बौद्ध नेताओं के समागम का यह अच्छा अवसर था । सभा के बाद श्री ब्योदो हमें अशोक अस्पताल दिखलाने ले गये। यह अस्पताल तोक्यो के सबसे ग़रीब मुहल्ले फुकाङावा में है । इस अस्पताल के साथ हमारे अशोक का नाम ही सम्बद्ध नहीं है, बल्कि इसकी स्थापना के पीछे एक बहुत भावपूर्ण गाथा है । निशी होङवान् जी सम्प्रदाय के गुरु स्वर्गीय कौंट श्रोतानी की सबसी छोटी बहन ताकेको कोजो एक उच्च कोटि की कवियित्री थीं। उनके पति वर्तमान सम्राट के सगे मामा थे । इस प्रकार • Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat, [ भाग ३६ सुख में पली होने पर भी ग़रीबों के लिए उनके दिल में बहुत दर्द था । वे समय समय पर आकर फुकाङावा के ग़रीबों की दवा-दारू तथा दूसरे तौर से सेवा किया करती थीं । १६२३ ई० के भीषण भूकम्प के समय तो कितने ही डाक्टरों और नर्सों को लेकर उन्होंने यहाँ डेरा डाल दिया था। शाही खानदान से संबद्ध इस भद्र महिला को अपने हाथ रोगी- परिचर्या करते देखकर मुहल्लेवाले नरनारी उन्हें करुणा की देवी समझ गद्गद कण्ठ से घुटने टेक अभिवादन करते थे । कवियित्री ताकेको की कवितासंग्रह का नाम मुयुङे (अशोकपुष्प) था । उन्होंने उसके लाभ को प्रदान कर यहाँ अशोक अस्पताल खोला । देवी ताकेको ४० वर्ष की अवस्था में ही नवम्बर १९३० ई० को स्वर्गवासिनी हो गई, किन्तु उनका यह अशोकअस्पताल उनके करुणा-पूर्ण हृदय का मूर्तिमान् उदाहरण है। अस्पताल के मकान पर तीन लाख येन् (उस समय एक येन १३ रुपये के बराबर था) लगे हैं । इसमें ३० डाक्टर, ३० नर्सों, ५ कम्पौंडर, ५ नौकर और सात क्लर्क काम करते हैं । ५० रोगियों के ठहरने का स्थान है, * www.umaragyanbhandar.com
SR No.035248
Book TitleSaraswati 1935 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevidutta Shukla, Shreenath Sinh
PublisherIndian Press Limited
Publication Year1935
Total Pages630
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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