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उपकेशगच्छ-परिचय ।
૨૨ जम्बूनाग महत्तर-जिन्होंने लोद्रवपुर में ब्राह्मणों
को पराजित कर भाटी नरेश को जैन धर्म का अनुयायी बना के वहाँ नये
मन्दिरों की प्रतिष्टा की। देवभद्र महत्तर
कनकप्रम महत्तर
जिनभद्र महत्तर
पद्मप्रभवाचनाचार्य-आपका पवित्र चरित्र बड़ा ही
| अलौकिक है। ककसूरि-जिन्होंने डीडवाना के भैशाशाह को सहायता दी ।
देवगुप्तरि--जिन्होंने मैंशाशाह की माता के संघ में श्री शत्रुजय
की यात्रा की। ककहि-जिन्होंने बारह वर्ष घोर तपश्चर्या कर अनेक लब्धियें
प्राप्त की। भाप राजगुरु के नाम से प्रख्यात थे। पाटण के चौरासी उपाश्रय में आप नायक थे प्राचार्य हेमचन्द्रसूरि तथा कुमारपाल नरेश आप का बड़ा सन्मान और सत्कार करते थे । आपका
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