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________________ * प्रबन्धावली ● सोलहवीं शताब्दी | प्रेमी जी ने इस शताब्दी के केवल पांच प्रन्थों का उल्लेख किया है। (१) सं० १५४८, सार सिखावन रास - सवेगसुन्दर कृत । (२) सं० १५६१, ललितांग चरित्र - ईश्वर सूरि कृत । (३) सं० १५७८, रामसीता चरित्र - बालचन्द्र कृत । ( ४ ) सं० १५८०, कृपण चरित्र ठकुरसी कृत । (५) सं० १५८१, यशोधर चरित्र - गौरवदास कृत । बाबू ज्ञानचन्द जैनी ने 'दिपम्बर भाषा ग्रन्थावली' में उपर्युक्त नं० ५ के सिवा 'सं० १५१८, श्रावकाचार - पं० धर्मदास कृत' का उल्लेख किया है । वकील मोहन दलोचन्द जी ने 'जैनरासमाला पुरवणी' में इस्रो समय के २३ ग्रन्थों की टीप इस प्रकार लिखी है । (१) सं० १५०२, ऋषिदत्ता रास १५१२, सिद्धांत रहस्य " ( २ ) ( ३ ) ( 8 ) (५) ( ६ ) " ( ७ ) ( ८ ) (e) (१०) 10 D " १५३४, बारव्रत चौपाई १५५०, मुनिपति रास १५५३, घनद रात " ललितांग रास - क्षमाकलस कृत १५५६, गजसिंह कुमर चौपाई – कविसुन्दर कृत (११) (१२) १५६०, नंदबचिसी कोपाई - ज्ञानशील कृत (१३) १५६१, अजाकुमार रास - धर्मदेव कृत 39 (१४) सुदर्शन सेठ रास (१५) देवराज बच्छराज चौपाई - लावण्यरत्न कस ܡ "" " " D n 13 १५१३, मच्छोदर रास - लावण्यरन कृत । १५२२, जम्बूस्वामी रास १५२३, जिनभवस्थिति - ज्ञान सागर कृत १५३१, धन्ना शालिभद्र रास - देवकीर्त्ति कृत " 99 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035203
Book TitlePrabandhavali - Collection of Articles of Late Puranchand Nahar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherVijaysinh Nahar
Publication Year1937
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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