________________
* प्रबन्पावली* 'शाश्ट्रप्रभेद'- ज्ञानधिमलकृत 'शब्दभेदप्रकाश' वृत्ति । (महेश्वर फषि रचित)
अलंकार वृत्तरत्नाकर- सोमचन्द्रसूरिकृत टीका । हर्षकीर्तिकृत टीका । समय
सुन्दरकृत टीका। श्रुतपोध- हर्षराजकृत टीका । हर्षकीर्तिकृत टीका। छन्दः शास्त्र- वर्द्धमान सूरिकृत टीका । श्रीचन्द्र सूरिकृत टीका।
पद्मप्रभसूरिकृत टीका। पगलसार- विवेककीर्तिकृत टीका। काव्यालंकार- नमिसाधुकृत टीका। काव्यप्रकाश-- यशोविजयकृत टीका । माणिक्यचन्द्रकृत 'काव्यप्रकाश
संकेत'। गाथासप्तशती-भुवनपालकृत वृत्ति । विदग्धमुखमंडन-शिवचन्द्रकृत टीका। जिनप्रभसूरिकृत चूर्णि।
काव्य कादम्बरी- सूरचन्द्रकृत टीका। मदनमन्त्रिकृत 'कादम्बरीदर्पण'
टीका। भानुचन्द्रकृत टीका (पूर्व खंड ) सिद्धिचन्द्र
कृत टीका ( उत्तर खंड) भट्टी काव्य- कुमुदानंदकृत "सुबोधिनी" टीका। रघुवंश--- चारित्रवर्द्धनकृत 'शिशुहितैषिणी' टीका। धर्ममेरुकृत
'सुबोधिनी' टीका। सुमतिविजयकृत 'सुगमान्वया' टीका। समुद्रसूरिकृत टीका । रत्नचन्द्रकृत टीका। विजयगणिकृत टीका। समयसुन्दरकृत टीका। गुण
विजयकृत टीका। कुमार संभव- विजयणकृत वृत्ति । लक्ष्मीबल्लभकृत टीका । चारित्र.
वर्द्धनकृत शिशु हितैषिणी' टीका। मुनिमतिरकृत
'भवरि'। जिनभद्रसूरि कृत 'यालयोधिनी' टीका। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com