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________________ आगम (४२) भाग-6 "दशवैकालिक”- मूलसूत्र-३ (नियुक्ति:+|भाष्य +चूर्णि:) अध्ययनं [१], उद्देशक [-1, मूलं [-1 / गाथा: [१], नियुक्ति: [३८...९४/३८-९५], भाष्यं [१-४] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४२] मूलसूत्र-[०३] दशवैकालिक नियुक्ति: एवं जिनदासगणिरचिता चूर्णि प्रत सूत्रांक गाथा ||१|| कयपडिकया दुक्खत्तस्स गवेसणं देसकालण्णुया सब्बत्येसु अणुलोयमात, तत्थ अम्मासे अचरणं नाम आयरियाण सीसो निज्ज-6 बवावृत्त्यवकालिकारद्वार इंगिएण अभिप्पायं नाऊण जहिच्छिय उववायइस्सामिति काउण आयरियस्स अम्भासे अच्छइ, तत्थ छंदाणुवत्तणं नाम चूर्णी आयरियाण सीसे ग कालं तुलेऊण आहारउपहिउवस्सगाणं उबवायणं कायञ्च, कारियनिमितकरण नाम पसण्णा हुआयरिया स्वाध्या १अध्ययना सविसेस सुत्तस्थतदुभयाणि दाहिंतिनिकाऊण तारिसाणि अणुकूलाणि करे। जेण तेसि आयरियाण चित्तप्पसाओ जायइ, कयपडि-16 कइया णाम जइवि निज्जरत्थं करेइ ततोवि मम एस कारेहितित्ति काउं विणयं करेइ, सेसाणि दुक्खत्तस्स गवेसपाणि पसिद्धाणि शाचेच काऊण नो भणियाणि, अहबा एसो सब्यो चेव विणओ नाणदंसणचरित्ताणं अव्वतिरित्तोत्तिकाऊण तिविहो चेव भाणियब्बो, ४०-नाणविणो दसणविणओ चरित्तविणओ | विणओगओ इदाणिं यावच्चं, तं च इमेहिं कारणेहि कज्जइ, तं०- अण्णपाणवत्थपत्तपडिस्सयपीढफलगसंथारप्पगादीहिं धम्मस्स | साहणेहि, तं च कस्स कज्जइ , इमेसि दसहं, त. आयरियउवज्झाया थेर तबस्सि गिलाण सिक्खग साहम्मिय कुलगणसंघेसु, तत्थ आयरिओ पंचविहो, तं०-पव्यावणायरिओ सुत्तस्स उदिस्सणायरिओ समुद्दिस० अणुण्णा बायणायरिओत्ति, उवझाओ पसिद्धी चेव, थेरो नाम जो गच्छस्स सथिति करेइ, जो तिसुत परियागाइसु वा धेरो,तबस्सिणाम जो उग्गतवचरणरतो, गिलाणो णाम रोगाभिभूओ, सिक्खगो नाम जो अहुणा पब्वइयओ, साहम्मिओ नाम एगो पवयणओ ण लिंगतो,एगो लिंगओन पवयणओ, कुलगणसंघा पसिद्धा चेव । इदाणिं सज्झाओ, सो पंचविधा, तं०-वायणा पुच्छणा परियट्टणा अणुणेहा धम्मकहा, बायणा णाम सिस्सस्स अज्झावणं, पुच्छणा सुत्तस्स अस्थरस वा भवति, परिवर्ण णाम परियट्टणति वा अम्भसणंति वा गुणति वा एगट्ठा, दीप अनुक्रम [१] ॥२८॥ % 3 % C [41]
SR No.035056
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 06 Dashvaikaalik Niryukti Evam Churni Aagam 42
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages398
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
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