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________________ आगम (४२) भाग-6 "दशवैकालिक”- मूलसूत्र-३ (नियुक्ति:+|भाष्य +चूर्णि:) अध्ययनं [१], उद्देशक -1, मूलं [-1 / गाथा: [१], नियुक्ति: [३८...९४/३८-९५], भाष्यं [१-४] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४२] मूलसूत्र-[०३] दशवैकालिक नियुक्ति: एवं जिनदासगणिरचिता चूर्णि प्रत सूत्रांक H चायेऽवमादारका गाथा ||१|| श्रीदश भवइ, इदाणिं एताचो पंचवि ओमोदरियाओ वित्थारेण भण्णइ, वत्थ अप्पाहारोमोदरिया नाम प्रमाणोमोदरियाए तिभागो, ते वैकालिका अडकवला, अद्वविधा य अप्पाहारोमोयरिया भवइ, तंजहा-अप्पाहारोमोदरियाए अट्ठ कवला, एगूणकरला अप्पाहारोमोदरिया जाता| चूौँ सत्त, विऊण कवल अप्पाहारोमोदरिया जाता छ, तिचउरोपंचूणकवलअप्पाहारोमोदरिया जाता पंच चउरो तिष्णि, छहि ऊणकक्ल१अध्ययन | अप्पाहारोमोदरिया जाता दोण्णि, सत्तूणकवलअप्पाहारोमोदरिया जाता एगो अप्पाहारोमोदरिया, जाता सत्तचि उणकवल०,अप्पा हारोमोयरियाए एककवलाहारोमोदरिया जहण्णा अट्ठकवलोमायरिया उकोसा सेसा अजः । इदाणि अवड्डाहारोमोयरिया वारसकवला ॥२३॥ भण्णति, सा य चउबिहा, तंजहा-बारसकवल अवड्डाहारोमोयरिया, एगक इकारस, बिहूणकवल अवड्डाझरोमोयरिया जाया दस, तिहिऊण कवलअबड्डाहारोमोयरिया जाता नव, अबड्वाहारोमोपरिया जहणिया नव कवला उक्कोसेण बारस, सेसा अजहण्णमणुकोसा। इदाणिं दुभागोमोयरिया सोलसकवला, सा चउबिद्दा, तंजहा-सोलकवलदुभागोमोयरिया, एगूणकवल दोभागोमोदरिया जाता | पण्णरस, दोहिऊण दुभागकबलहारमोदरिया जाता चोद्दस, तिहिऊण दुभागकवलाहारोमोयरिया तेरस, दुभागकवलाहारोमोदरियाए जहण्णा तेरस उकोसा सोलस, सेसा अजहष्णमणुकोसा । इदाणिं पमाणजुत्ताहारोमोदरिया एग(अछु)णकवलजुचाहारोमोदरिया चउव्वीसं कवला भवंति, साय अडविहा, तंजहा-चवीसकवलजुत्ताहारोमोयरिया एगूणकवलजुत्ताहारोमोदरिया जाता तेवीस एवं दोहिऊण जाया यावीस, तिहिऊण जाया इक्वीस, चाहिं ऊणा जाता बीसं, पंचहिं कृणा जाता एगूणवीस, छहि ऊणा जाता अट्ठारस, सत्तहिं ऊणा जाता सत्तरस, पमाणजुत्ताहारोमोयरिखा जहणेण सरस उकोसेणं चउचीसं कवला, सेसा अजहण्यामणुकोसेणं । इदाणि किंचूणाहारोमोयरिया, सा य एकतीस कवला, सचविहा पुण भषणइ, तंज़हा-एकतासं कबला किंचूणाहारोमोय. दीप अनुक्रम ROHOMECH ॥२३॥ स - [36]
SR No.035056
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 06 Dashvaikaalik Niryukti Evam Churni Aagam 42
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages398
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
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