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________________ आगम (४२) भाग-6 "दशवैकालिक- मूलसूत्र-३ (नियुक्ति:+|भाष्य|+चूर्णि:) अध्ययनं [४], उद्देशक H, मूलं [१-१५] / गाथा: [३२-५९/४७-७५], नियुक्ति : [२२०-२३४/२१६-२३३], भाष्यं [५-६०] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४२] मूलसूत्र-[०३] दशवैकालिक नियुक्ति: एवं जिनदासगणिरचिता चूर्णि प्रत वैकालिक सूत्रांक [१-१५] गाथा ||३२५९|| ॥१२९॥ वा काउं अजहण्णमणुकोसियाए ओगाहणाए लोगं पुणो पुणो पूरेत्ता अलोगे पक्खिवेज्जा, तओ एगो दो तिषिण एवं गणिज्ज- अध्ययनो8 माणा अणता लोगा भवेज्जा,अहया लोगस्स एकेक्कमि आगासपएसे एक्कक्कं जीव बुद्धीए ठवेचा जीवलोगो भरिओ नाहे अलोगे| पोषातः परिकप्पड़ एवं एगो दो तिष्णि मविज्जमाणा अयंता लोगा भवेज्जा, परिमाणंति दारंगतं,जीवोत्ति य पदं। इयाणि निकायेशि दारं, 'णामंठवण सरीरे' गाथा (२३०-१३४) नामठवणाओ गयाओ, सरीरकाओ नाम सरीरमेव भण्णइ, गइनाम जहिं सरीरेहिं भवन्तरं गच्छद ताणि तेयाकम्माणि, जो वा जाए गईए कायो भवइ, सरीरंति बुर्त भवइ, जहा नेरइयाण | तिमि सरीराणि बेउब्धियतेयाकम्मगाणि, एवं सेसियाणवि गतीण भाणियवाणि, शिकायो नाम छज्जीवनिकायो भष्णइ, तं०- पुढविकाइया आउकाइया तेउकाइया वाउकाइया वणस्सइकाइया तसकाइया , अस्थिकाओ नाम धम्माधम्माइया पंच अस्थिकाया, दवियकाओ नाम तिप्पभिई दब्वाणि एगत्थ मिलियाणि दब्यकाओ भण्णइ, जहा तिमि घडा, एवमादी, माउकायो नाम तिष्पभिई माउअक्खरा माउयकायो भण्णइ, पज्जवकायो दुविहो, त०- अजीवपज्जवकायो य जीवपज्जवकाओ य, तत्थ अजीवपज्जवकाओ नाम तिप्पमिति अजीवपज्जबा अजीवपज्जवकायो भण्णइ, जहा घडस्स वण्णरसगंधफरिसत्ति एवमादी, जीवपज्जबकायो नाम तिप्पभिई जीवपज्जवा जीवपज्जबकायो भण्णइ, जहा नाणदंसणचरिचाणि एवमादि, संगहकायो नाम जहा तिप्पभिई दवाणि एगेण सद्देण संगहियाणि, जहा तिगड तिफला एवमादी, अहवा जहा जाओ सालित्ति ॥१२९॥ एवमादी, भारकायो णाम 'एको कायो दुहा' गाहा ( ) एत्थ उदाहरणं- एगो काहारो तलागे दो घडा पाणियस्स भरिऊण काबोडीए वहइ, सो एगो आउकायकाओ दोसु घडेसु दुहा कओ, तत्थ सो काहारो गच्छंतो पक्खलिओ, एगो घडो भग्गो, 629CCCESCENG दीप अनुक्रम [३२-७५] KKR [142]
SR No.035056
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 06 Dashvaikaalik Niryukti Evam Churni Aagam 42
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages398
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_dashvaikalik
File Size34 MB
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