SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 138
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (४०) भाग-4 "आवश्यक'- मूलसूत्र अध्ययनं मूलं - गाथा-], नियुक्ति : [७८८-७९०/७७८-७८६], भाष्यं [१२५-१४८] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र-[४०]मूलसूत्र [१] आवश्यकनियुक्ति: एवं जिनभद्रगणिरचिता चूर्णि-2 प्रत चूर्णी IMजावज्जीवित पच्चक्खाण, दो दो दोसा, बहुरता जीवप्पदेसिए भणंति-तुम्भं दोहि कारणेहि मिच्छादिट्टी, जेण भणह-एगो जीवप निहवाआवश्यक पष देसो जीवोत्ति १ च मे चलमाणं चलित२, इमेवि पडिभणति-तुम्भेऽबि ज भणह-चलमाणे अचलिते १ च जीवपदे से जीवेत्ति अधिकारापन -- उपोद्घात ISIन मण्णेह २, एवं सेसावि परोप्पर दो दोसे छुभंति, गोट्ठामाहिलस्स विनि, मोत्तूर्ण गोडामाहिल्लं सेसाण संजयाण पच्चक्खाणं निर्यक्तीला जावज्जीवाए, एस एको बितिओ पुढे जथा अबदं कंचु०, च अम्हेच्चयं न सहहेसि, एस ततियओ, अण्णे भणति-एकेकस्स दो। दोसा, एग अप्पण्णा विप्पडिवण्णा, वितियं परं बुग्गाहेंतित्ति ॥ आह-सव्वत्थ संपडिवण्णा जदि कहमवि एगत्थ विपडिवण्णा तो ॥४२९॥ किं जातं ?, भण्यति सत्तेया विडीओ०। ८.९६ ॥ १८७ ॥ जदिवि एगस्थ विप्पडिवत्ती तथावि एताओ सत्तवि दिदीओ जातिजरामरण-12 * गम्भवसहिस्स संसारस्स मूल भणति । णणु किं ते समणसरूवा ण, भण्णति-निग्गंथा व पडिभासते, जतो इमं चेच लिंग, काण पुण निग्गंथा चेव, किंतु निम्गंथरूवा इति ।। एत्थ सीसो आह-जदि तो एवं तो जं ते पडुच्च आहाकम्मादि जातं तं कह दिपरिहरणाएत्ति, आयरिया मणंति पवयणनिज्जूढाण। ८-९८ ।। ७८७ ॥एतेसि पवयणनिज्जूढाणं कारितं आहाकम्ममादि सेज्जा वा पणुवीसाए दोसाण |MIRan एकतरं, कई पण्णवीसा, सोलस उग्गमदोसा णव एसणा दोसा, संकितं मोजूण, सो आतसमुत्थोत्ति तं भजितं परिहरणाए, किं निमिन', जदि सो जाणति जहा एते निण्हगति तेसिं मए भत्तं तं ताहे घेप्पंति, अह विसेस चेव ण जाणति ताहे ण घेप्पति, दीप अनुक्रम (138)
SR No.035054
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 05 Aavashyak 2 Niryukti Evam Churni Aagam 40
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages328
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy