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________________ आगम भाग-1 "आचार" - अंगसूत्र-१ (नियुक्ति:+चूर्णि:) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [८], उद्देशक [१], नियुक्ति: [२५३-२७५], [वृत्ति-अनुसार सूत्रांक १९७-२०१] (०१) श्रीआचारांगसूत्र वृणिः ॥२५८॥ Amla प्रत वृत्यक [१९७२०१] बयावि वुत्ताऽण्णोनि, भणइ-जामा तिन्नि उदाहडा, तंजहा-पढमे मज्झिमे पच्छिमे, जामोनि वा वयोनि वा एगट्ठा, उदाहडा कहिता, यामत्रयादि अवखात्रा, जेसु इमे आयरिया इमे सिचायरियादि, नाणदंसणचरित्नारिएहिं अहिगारो छिष्णछेपणस्सट्ठि, णाणादिआरियो | पव्वाविञ्जति, न तु अणारितो, खिचारियादि भत्ता, अट्ठयरिसाओ आरद्धं जाव तीसतियरिसाई ताव पहमो जामो, तीसाओ आरद्धं जाच सविपरिसाई मज्झिमो जामो, इत्थ अतिवाल अतिवृद्धा पडिसिद्धा, सेसा अणुष्णाता, तिण्डं जामाणं अण्णपरे जामे, संमं बुज्झमाणा संबुज्झमाणा, चरितबोहिते अहिगारो, सम्म संजमममुट्टाणेण उट्टिता समुहिता, तत्थ भगवं पढमे जामे संयुद्धो, गणहरा केइ पढमे के मज्झिमे, तत्थ संजमसमुट्ठाणेणवि उहिता संता पमावबहुत्ता ण सच्चे णियाणं गच्छंतीतिअतो भण्णतिजे णिचुरा पायेहि कम्महिंजे इति अणुदिइम्स, जे ते तिहं बयाण अण्णतरे समं पुज्नमाणा जामसमुस्थाणेण उस्थिता णिब्बुडा उपसंता, कतो? पाणाइवायाइपहिंतो अट्ठारसहिं ठाणेहि, अणियाणा ते विवाहिया णियाण रंधणो, ण तेसि णिदाणं अस्थि अणिदाणं, जं भणित-अपंधणा, अहवा अणिदाणमिति हेउ रागादि, तत्थ जे णिचुडा तेसिं रागादिबंधहेऊ ण संभवंति अतो अणिदाणा, दवणिदाणं मातापितिमादि धणधनं च, भावनिदाणं विसयकपाया, पिविहं आहिया विवाहिया, जे अमणुण्णा कुलिंगिणो लिंगिणो वा ते अस्थतो पायत्ति अणिचुडा सणियाणा य आहिता, केण सधसासमणुण्यहिं तित्थगरगणहरेहि य, जे अमणुष्णा ते उष्टुं अहं तिरिय दिसासु पण्णवगं पढ़च उई पुफफलादिवणसहकाइ पासासपमूलकंददगादीणि वा तिरिय वाता सम्बन इति सम्पदिसापिदिशामु समकाले च सब्बे सब्य जाव बसपार्वति सयभावेण य, एके प्रति पत्नये, मका ताप सयं ण पचंति पायति य, तत्थ तणकट्टगामा य णिम्मित तहा गामखिलमयणासणधणधनमाविमहि सिमादि उवासंगसंतिमाणि HEL ||२५८॥ दीप अनुक्रम [२१०२१४] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधिता मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता......आगमसूत्र-[१], अंग सूत्र-[०१] "आचार' जिनदासगणि विहिता चूर्णि: [270]
SR No.035051
Book TitleSachoornik Aagam Suttaani 01 Aachaar Churni Aagam 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherParam Anand Shwe Mu Pu Jain Sangh Paldi Ahmedabad
Publication Year2017
Total Pages399
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size30 MB
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