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________________ आगम (३३) "मरणसमाधि” - प्रकीर्णकसूत्र-१० (मूलं+संस्कृतछाया) ------------------------- मूलं [४५०]------------ पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[३३] प्रकीर्णकसूत्र-[१०] "मरणसमाधि मूलं एवं संस्कृतछाया प्रत सूत्रांक ||४५०|| पाहण्णय- मई करेसीह । ४५० ॥१६८५१ सुमरियताक्यधम्म जिणमहिनाणेसु जाणिवतोहग्गा । जसहरमुणिणो ४ घन्यशालिदसए १० पासे निक्वंता तिवसंधेगा॥ ४५१ ॥१६८६॥ सुमिहिपजिगणपणीमयपरिपुडा सीलसुरहिगंपडा(हा)। विह- भद्राधनुमरणस-5 रिय गुरुस्सगासे जिणवरवसुपुजतिस्पंमि ॥ ४५२ ॥ १५८७ ॥ कणगावलिमुत्तावलिरयणावलिसीहकीलिय- स्मृतिः कलंता । काही य ससंवेगा आयंबिलवहुमाणं च ॥ ४५३ ॥ १५८८ आसरिया यमणोहरसिहरंतरसं॥१२७॥ चरंतपुक्खरयं । आइकरचलणपंकयसिरसेषियमाल हिमवंतं ॥ ४२४॥ १६८९॥ रमणिबहरैयतरुवरपरहु-6 असिहिभमरमहपरिविलोले । अमरगिरिविसयमणहरजिणवयणमुकाणणुरेसे ॥ ४५५ ॥ १६९० ॥ संमि| |सिलायल पुहवी पंचवि देहटिईसु मुणियथा । कालगयां उवषण्णा पंचधि अपराजियविमाणे ॥ ४५६ ॥ है॥१६९१ ॥ ताओ चहऊण इहं भारहवासे असेसरिउदमणा । पंडुनराहिवतणया जाया जयलच्छिम-16 दीप अनुक्रम [४५१] सुगृहीतश्रावकधर्मा जिनमहिमतु जनितसौभाग्याः। यशोधरमुनेः पार्थे निष्कान्तास्तीनसंवेगाः ॥ ४५१॥ सुगृहीतजिनषचनामृतपरिपुष्टाः। | शीलसुरभिगन्धाढ्याः । विहताः गुरुसकाशे जिनवरवामुपूज्यतीर्थे । ४५२ ॥ कनकावलीमुक्तावलीरावलीसिंहनिष्क्रीडितानि फल-15 वन्तः । अकार्पश्च ससंवेगा आचाम्लवर्द्धमानं च ॥ ४५३ ॥ आश्रिताध मनोहरशिखरान्तरसञ्चरत्पुष्करकम् । आदिकरचरणपङ्कजसेवित-IN शिरोमालं हिमवन्तम् ॥ ४५४॥ रमणीयदहतरुवरपरभृतशिखिभ्रमरमधुकरीविलोले। अमरगिरिविशदमनोहरजिनवच (भव)नसुकाननोरेशे[४॥१२७ ।। ॥४५५ ।। तस्मिन् शिलातले पञ्चापि पार्थिवदेहस्थितिषु ज्ञातार्थाः। कालगताः पाप्युत्पन्ना अपराजितविमाने ॥ ४५६ ॥ तस्मात्रयुत्वा । JanEluridianimmitiatil ~77~
SR No.035027
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 27 Maransamadhi Prakirnak Mool evam Sanskrit Chhaya Nishith Bruhatkalp Vyavahar Dashashrutskandh Mahanishith 5 Chhedsutrani Moolam Jitkalp Moolam evam Bhashyam Panchkalp Bhashyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages330
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_maransamadhi
File Size99 MB
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