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________________ आगम (१७) चन्द्रप्रज्ञप्ति" - उपांगसूत्र-५ (मूलं+वृत्ति:) प्राभृत [८], -------------------- प्राभृतप्राभृत -, -------------------- मूलं [२९] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: सूर्यप्रज्ञप्ति आधारेण मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र-[१७],उपांगसूत्र-[६] "चन्द्रप्रज्ञप्ति मूलं एवं मलयगिरि-प्रणीता वृत्ति: प्रत उदयसं स्थितिः सुत्राक [२९] सूर्यप्रज्ञ-18 मपच्छिमेणं राई भवति, ता जया णं जंबुद्दीवे २मंदरस्स पच्चयस्स पुरस्थिमे णं दिवसे भवति तदाणं पचच्छितिवृत्तिः ८प्राभृते मेणवि दिवस भवति, जया णं पचस्थिमे गं दिवसे भवति तदा णं जंबुद्दीवे २मंदरस्स पत्यस्स उत्तरदाहिणे णं राई भवति, ता जया णं दाहिणद्धेवि उक्कोसए अट्ठारसमुहुने दिवसे भवति तया णं उत्तरद्धे उकोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति, जदा उत्तरद्धे तदा णं जंबुद्दीवे २ मंदरस्स पवयस्स पुरस्थिमेणं जहणिया दुवाल सू २९ समुहुत्ता राई भवति,ताजयाणं जबुद्दीवे २मन्दरस्स पञ्चतस्स पुरच्छिमेणं उफोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवति तताणं पचत्धिमेणषि उकोसए अट्ठारसमुहसे दिवसे भवति, जता णं पचस्थिमे णं उकोसए अट्ठारसमुहुसे सादिवसे भवति तता णं जंबुद्दीचे २ मंदरस्स पवयस्स उत्तरदाहिणे णं जहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवति. एवं एएणं गमेणं णेतर्व, अट्ठारसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगदुवालसमुहत्ता राई भवति, सत्तरसमुहुसे दिबसे तेरसमुहत्ता राई, सत्तरसमुहुत्ताणतरे दिवसे भवति सातिरेगतेरसमुहत्ता राई भवति, सोलसमुहुत्ते दिवसे भवति चोइसमुहसा राई, भवति, सोलसमुहृत्ताणंतरे दिवसे भवति सातिरेगचोदसमुहत्ता राई |भवति, पण्णरसमुहत्ते दिवसे पण्णरसमुहुत्ता राई, पण्णरसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगपण्णरसमुहुत्ता |॥ ८५॥ राई भवइ, चाउद्दसमुहुत्ते दिवसे सोल समुहुत्ता राई, चोहसमुहुत्ताणतरे दिवसे सातिरेगसोलसमुहत्ता राई, तेरसमुहुते दिवसे सत्तरसमुहुसा राई, तेरसमुहुत्ताणंतरे दिवसे सातिरेगसत्तरसमुहुत्ता राई, जहणए दुवालसमूहुत्ते दिवसे भवति उक्कोसिया अट्ठारसमुहसा राई भवइ, एवं भणित वं, ता जया णं जंबुद्दीवे २ 0525 अनुक्रम [४३] ~183~
SR No.035022
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 22 Chandrapragyapti Mool evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages614
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_chandrapragnapti
File Size133 MB
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