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________________ आगम (१०) भाग-[१३] “भाग-१३ “प्रश्नव्याकरणदशा” - अंगसूत्र-१० (मूलं+वृत्ति:) श्रुतस्कन्ध: [१], ----------------------- अध्य यनं [४] ----------------------- मूलं [...१५] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [१०], अंगसूत्र- [१०] "प्रश्नव्याकरणदशा” मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत प्रश्नव्याकर० श्रीअभयदेव वृत्तिः ४ अधर्म द्वारे माण्डलिकदेवकुरू [१५] परवर्णन ॥७८॥ सू०१५ दीप अनुक्रम चउरंगुलमुष्पमाणकंबुवरसरिसग्गीवा अवडियसुविभत्तचित्तमंसू उबचियमसलपसरथसहलविपुलहणया ओयवियसिलपवालविफलसंनिभाधरोहा पंडुरससिसकलविमलसंखगोखीरफेणकुंददगरयमुणालियाधवलदंतसेढी अखंडदंता अप्फुडियदता अविरलदंता सुणिद्धदंता सुजायदंता एगदंतसे दिव्य अणेगदंता हुयवहनिदंतधोयतत्ततवणिजरत्ततला तालुजीहा गरुलायत उजुतुंगनासा अवदालियपोंडरीयनयणा कोकासियधवलपत्तलच्छा आणामियचावरुइलकिण्हन्भराजिसंठियसंगयाययसुजायभुमगा अल्लीणपमाणजुत्तसवणा सुसवणा पीणमंसलकवोलदेसभागा अचिरुग्गयबालचंदसंठियमहानिराला उडुवतिरिव पडिपुन्नसोमवयणा छत्तागारुतमंगदेसा घणनिचियसुबद्धलक्खणुन्नयकूडागारनिभपिडियग्गसिरा हुयवहनिद्धतधोयतत्ततवणिजरत्तकेसंतकेसभूमी सामलीपोंडघणनिचियछोडियमिउविसतपसत्थसुहमलक्खणसुगंधिसुंदरभुयमोयगभिंगनीलकजलपहट्ठभमरगणनिद्धनिगुरुंयनिचियकुंचियपयाहिणावत्तमुद्धसिरया सुजातसुविभत्तसंगर्यगा लक्खणर्वजणगुणोववेया पसत्यवत्तीसलक्खणधरा हंसस्सरा कुंचस्सरा दुंदुभिस्सरा सीहस्सरा उज्ज(ओघ)सरा मेघसरा मुस्सरा सुसरनिग्घोसा बजरिसहनारायसंघयणा समचउरससंठाणसंठिया छायाउजोबियंगमंगा पसस्थच्छवी निरातका कंकरगहणी कवोतपरिणामा सगुणिपोसपिटुंतरोरुपरिणया पमुप्पलसरिसगंधुस्साससुरभिवयणा अणुलोमवाउवेगा अवदायनिद्धकाला विग्गहियउन्नयकुच्छी अमयरसफलाहारा तिगाउयसमूसिया तिपलिओवमद्वितीका तिनि य पलिओवमाई परमाउं पालयित्ता तेवि उवणमति मरणधम्म अवितित्ता पर [१९] ॥ ७८॥ ~357~
SR No.035013
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 13 Upasakdasha Antkruddasha Anuttaropapatikdasha Prashnavyakaran Mool evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages538
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size118 MB
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