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________________ आगम (१०) प्रत सूत्रांक [१५] दीप अनुक्रम [१९] भाग-[१३] “भाग-१३ “प्रश्नव्याकरणदशा” – अंगसूत्र -१० (मूलं + वृत्ति:) अध्ययनं [४] श्रुतस्कन्ध: [१], मूलं [...१५] पूज्य आगमोद्धारकश्री संशोधितः मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र - [१०] अंगसूत्र- [१०] "प्रश्नव्याकरणदशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्तिः 6296*% *%********** raणमंत मरणधम्मं अवितत्ता कामाणं । भुज्जो उत्तरकुरुदेव कुरुवणविवरपादचारिणो नरगणा भोगुत्तमा भोगलक्खणघरा भोगसस्सिरीया पसत्थसोमपडिपुण्णरूवदरसणिज्जा सुजातसब्बंगसुंदरंगा रतुप्पलपत्तकंतकरचरणकोमलता सुपट्टियकुम्मचारुचलणा अणुपुव्वसुसंहयंगुलीया उन्नयतणुतंत्रनिद्धनखा संठितसुसिलिगूढगोंफा एणीकुरुविंदवत्तवाणुपुब्विजंघा समुग्गनिसग्गगूढजाणू बरवारणमत्ततुलविक्कम विलासितगती वरतुरगसुजा गुज्झदेसा आइन्नहयन्त्र निरुबलेवा पमुइयवरतुरगसीहअतिरेगवट्टियकडी गंगावत्तदाहिणावत्ततरंगभंगुर र विकिरण वोहियचि को सायं तपम्हगंभीरविगडनाभी साहत सोणंद मुसलदप्पणनिगरियवरकणगच्छरुसरिसवरबइरवलियमज्झा उज्जुगसमस हिय जश्चतणुक सिणणिद्ध आदेज्जलड हसूमालमउयरोमराई झसविहगसुजातपणकुच्छी झसोदरा पम्हविगडनाभा संनतपासा संगयपासा सुंदरपासा सुजातपासा मितमाइयपीणरइयपासा अकरंडुयकणगरुयगनिम्मल सुजायनिरुवहय देहधारी कणगसिठातलप सत्यसमतलडवइयविच्छिन्नपिहुलवच्छा जुयसंनिभपीणरइयपीवर पडसंठिया मुसिलिट्ठ बिसिलसुनिश्चितघणथिरसुव द्धसंधी पुरवरवरफलिहवट्टियभुया भुयईसर विपुलभोगआयाणफलिउच्छूददीहबाह रत्ततलोबतियमज्यमंत्रलसुजायलक्खण सत्थ अच्छिद्दजालपाणी पीवरसुजायकोमलवरंगुली तंबतलिणसुइरुइल निडनक्खा निद्धपाणिलेहा चंदपाणिलेहा सूरपाणिलेहा संखपाणिलेहा चक्कपाणिलेहा दिसासोबत्थियपाणिलेहा रविससिसंखबरचकदिसासोबत्थियविभत्तसुविरइयपाणिलेहा वरमहिसवराहसी हसढसिंहनागवरपडिपुन्नविउलसंधा For Parts Only ~356~ Arr
SR No.035013
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 13 Upasakdasha Antkruddasha Anuttaropapatikdasha Prashnavyakaran Mool evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages538
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_antkrutdasha
File Size118 MB
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