________________
आगम
(१०)
भाग-[१३] “भाग-१३ “प्रश्नव्याकरणदशा" - अंगसूत्र-१० (मूलं+वृत्ति:)
श्रुतस्कन्धः [१], -----------------------अध्य यनं [२] ----------------------- मलं [७] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित..आगमसूत्र- [१०], अंगसूत्र- [१०] "प्रश्नव्याकरणदशा" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति:
प्रत
प्रश्नब्याक२० श्रीअभयदेव.
११अधर्म
द्वारे मृषावादिनः सू०७
सूत्राक
वृत्तिः
॥२९॥
कुले सारसे य साहिति पोसगाणं वधधजायणं च साहिति गोम्भियाणं धणधनगवेलए य साहिति तकराणं गामागरनगरपट्टणे य साहिति चारियाणं पारघाइयपंथघातियाओ साहति य गंठिभेयाणं कयं च चोरियं नगरगोत्तियाण लंछणनिलंछणधमणदुहणपोसणवणणदवणवाहणादियाई साहिंति बहणि गोमियाणं धातुमणिसिलपवालरयणागरे य साहिति आगरीणं पुष्फविहिं फलविहिं च साहिति मालियाणं अग्यमहुकोसए य साहिति वणचराणं जताई विसाई मूलकम्मं आहेवणआविंधणआभिओगमंतोसहिप्पओगे चोरियपरदारगमणवहुपावकम्मकरणं उक्खंधे गामघातियाओ वणदहणतलागभेयणाणि बुद्धिविसविणासणाणि वसीकरणमादियाई भयमरणकिलेसदोसजणणाणि भाववहुसंकिलिट्ठमलिणाणि भूतघातोवघातियाई सच्चाईपि ताई हिंसकाई वयणाई उदाहरति पुट्ठा वा अपुट्ठा वा परतत्तियवावडा य असमिक्खियभासिणो उवदिसंति सहसा उट्टा गोणा गवया दमंतु परिणयवया अस्सा हत्थी गवेलगकुकुडा य किजंतु किणावेध य विकेह पयह य सयणस्स देह पियय दासिदासभयकभाइलका य सिस्सा य पेसकजणो कम्मकरा य फिकरा य एए सयणपरिजणो य कीस अच्छति भारिया में करित्तु कम्मं गहणाई वणाई खेत्तखिलभूमिवाहराई उत्तणघणसंकडाई डझंतु सूडिजंतु य रुक्खा भिजंतु जंतभंडाइयस्स उवहिस्स कारणाए बहुविहस्स य अट्ठाए उच्छू दुजंतु पीलिजंतु य तिला पयावेह य इट्टकाउ मम घरट्टयाए खेत्ताई कसह कसावेह य लहुं गामागरनगरखेडकब्बडे निवेसेह अडवीदेसेसु विपुलसीमे पुष्पाणि य फलाणि य कंदमूलाई कालपत्ताई गेण्हेह करेह सं
अनुक्रम
[११]
॥२९॥
X
mararyou
~259~