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________________ आगम (०४) [भाग-७] “समवाय" - अंगसूत्र-४ (मूलं+वृत्ति:) समवाय [१५], ------------ ----------------------------- मूलं [१५] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.आगमसूत्र- [०४] अंगसूत्र- [०४] “समवाय" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचिता वृत्ति: प्रत सूत्रांक असिपत्ते घेणु कुम्भे, वालुए वेअरणीति । खरस्सरे महाघोसे, एते पन्नरसाहिआ ॥२॥ णमीणं अरहा पन्नरस धणूई उड्डे उच्चत्तेणं होत्था, धुवराहू णं बहुलपक्खस्स पडिवए पन्नरसभागं पन्नरसभागेणं चंदस्स लेसं आवरेचाणं चिट्ठति, तंजहा-पडमाए पढमं भागं बीआए दुभागं तइआए तिभागं चउत्थीए चउभार्ग पञ्चमीए पञ्चभागं छट्ठीए छभागं सत्तमीए सत्तभागं अट्टमीए अट्ठभाग नवमीए नवभागं दसमीए दसभागं एक्कारसीए एक्कारसभागं बारसीए वारसभागं तेरसीए तेरसभागं चउद्दसीए चउद्दसभागं पन्नरसेसु पन्नरसभाग, तं चेव सुक्कपक्खस्स य उवदंसेमाणे उवदंसेमाणे चिट्ठति, तंजहा-पढमाए पढमं भागं जाव पन्नरसेसु पन्नरसभाग, छ णक्खत्ता पन्नरसमुहत्तसंजुत्ता प००-सतभिसय भरणि अद्दा असलेसा साई वहा जेट्टा । एते छण्णक्खत्ता पन्नरसमुहुत्तसंजुत्ता ॥१॥ चेतासोएसुणं मासेसु पन्नरसमुहत्तो दिवसो भवति, एवं चेत्तमासेसु पण्णरसमुहुत्ता राई भवति, विजाअणुप्पकायस्स णं पुवस्स पन्नरस वत्यू पणत्ता, मणसाणं पण्णरसविहे पओगे पतं०-सच्चमणपओगे मोसमणपओगे सच्चमोसमणपओगे असचामोसमणपओगे सच्चबइपओगे मोसवइपओगे सच्चमोसवइपओगे असच्चामोसवइपओगे ओरालिअसरीरकायपओगे ओरालिअमीससरीरकायपओगे वेउन्वियसरीरकायपोगे वेउल्विअमीससरीरकायपओगे आहारयसरीरकायप्पओगे आहारयमीससरीरकायपओगे कम्मयसरीरकायपओगे, इमीसे णं रयणप्पमाए पुढवीए अत्थेगइआण नेरहआणं पण्णरस पलिओवमाई ठिई प०, पंचमीए पुढवीए अस्थेगइयाणं नेरइआणं पण्णरस सागरोवमाई ठिई प०, असुरकुमाराणं देवाणं अत्यंगइयाणं पण्णरस पलिओवमाई ठिई प०, सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु अत्यंगइआणं देवाणं पण्णरस पलिओवमाई ठिई प०, महासुक्के कप्पे अत्येगइआणं देवाणं पण्णरस सागरोवमाई ठिई प०, जे देवा प्रत अनुक्रम [३२-३७] CHECRUGROGROCE REndDonal For P OW Maanasurary.orm ~68~
SR No.035007
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 07 Samvay Mool evam Vrutti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages338
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_samvayang
File Size72 MB
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