SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 186
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम (०२) [भाग-4] “सूत्रकृत्” - अंगसूत्र-२ (मूलं+नियुक्ति:+वृत्तिः ) श्रुतस्कंध [२.], अध्ययन [२], उद्देशक [-], मूलं [३४], नियुक्ति: [१६८] पूज्य आगमोद्धारकरी संशोधित: मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-०२], अंग सूत्र-[०२] "सुत्रकृत्" मूलं एवं शिलांकाचार्य-कृत् वृत्ति: प्रत सूत्रांक [३४] दीप अनुक्रम [६६६] seedogawa aaaaa देकान्तमिथ्याभूतं सर्वथैतदसाध्विति, तृतीयस्थानस्य मिश्रकस्यायं 'विभङ्गों विभागः स्वरूपमारुपातमिति ॥ उक्तान्यधर्मधर्ममिश्रस्थानानि, साम्प्रतं सदाश्रिताः स्थानिनोऽभिधीयन्ते यदिवा प्राक्तनमेवान्येन प्रकारेण विशेषिततरमुच्यते-तत्राथमधार्मिकस्थानकमाश्रित्याह अहावरे पढमस्स ठाणस्स अधम्मपक्खस्स विभंगे एवमाहिलइ-इह खलु पाईणं वा ४ संतेगतिया मणुस्सा भवंति-गिहत्था महिच्छा महारंभा महापरिग्गहा अधम्मिया अधम्माणुया(ण्णा) अधम्मिट्ठा अधम्मक्खाई अधम्मपायजीविणो अधम्मप(वि)लोई अधम्मपलज्जणा अधम्मसीलसमुदायारा अधम्मेणं चेव विर्ति कप्पेमाणा विहरंति ॥ हण छिंद भिंद विगत्तगा लोहियपाणी चंडा रुद्दा खुद्दा साहस्सिया उकुंचणवंचणमायाणियडिकूडकवडसाइसंपओगबहुला दुस्सीला दुवया दुष्पडियाणंदा असाहू सचाओ पाणाइवायाओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए जाव सबाओ परिग्गहाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सवाओ कोहाओ जाव मिच्छादसणसल्लाओ अप्पडिविरया, सवाओ पहाणुम्मद्दणवण्णगगंधविलेवणसहफरिसरसरूवर्गधमल्लालंकाराओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सबाओ सगडरहजाणजुम्गगिल्लिथिल्लिसियासंदमाणियासयणासणजाणवाहणभोगभोयणपवित्थरविहीओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सबाओ कयविक्कयमासद्धमा: सरूवगसंववहाराओ अप्पडिविरया जावज्जीवाए सबाओ हिरण्णसुवण्णधणधषणमणिमोत्तियसंखसिलप्पवालाओ अप्पडिविरया जावजीचाए सवाओ कूडतुलकूडमाणाओ अप्पडिविरया जावजीवाए सबाओ Stotreeroticesesesesesesesesesed ~ 186
SR No.035004
Book TitleSavruttik Aagam Sootraani 1 Part 04 Sootrakrut Mool evam Vrutti Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Dipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherVardhaman Jain Agam Mandir Samstha Palitana
Publication Year2017
Total Pages392
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size84 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy