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विविध विषय
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इसी प्रकार पृष्ठ १४८ में मिश्रबंधु - कृत 'हिंदी - नवरत्न'
'हास्य कौतुक', 'मूर्ख'राज', 'लतखेारीलाल', 'लंबी दाढ़ी' आदि पुस्तकें रखी गई हैं । ये सभी पुस्तकें भी कहानी की हैं । प्राख्यायिका का अर्थ भी कहानी ही है । क्या इन्हीं पुस्तकों के साथ वे पुस्तकें नहीं रखी जा सकती थीं विनोदपूर्ण काव्य ( सर्वसाधारण ) के अंतर्गत रखी गई हैं काव्य ( सर्व-साधारण) के अंतर्गत रखा गया है, किंतु इसी सूची के अनुसार उसे रखना चाहिए पृष्ठ २८८ में गद्य-काव्य ( आलोचनात्मक ) के अंतर्गत, जहाँ अन्य आलोचनात्मक ग्रंथ रखे गए 1 इस सूची में कुछ व्यर्थ का विस्तार भी हो गया है । Dewey की प्रणाली के अनुसार जब किसी लेखक की, एक ही विषय की, अनेक पुस्तकें होती हैं तो उस विषय के अंतर्गत प्रथम लेखक का नाम देकर फिर उसी के नीचे अक्षरानुक्रम से पुस्तकों के नाम आदि दिए जाते हैं; किंतु इस सुची में ऐसा न कर प्रत्येक पुस्तक के साथ लेखक का नाम दिया गया है जिससे सूची व्यर्थ ही विस्तृत हो गई है । यदि उतना स्थान लेना ही अभीष्ट था तो उतने में अन्य प्रकार की सूचनाओं -- जैसे प्रकाशक का पता, पुस्तक की प्रकाशन तिथि या पुस्तक का आकार तथा उसकी पृष्ठ-संख्या आदि - के संबंध में लिख सकते थे । इसी प्रकार इस सूची में अन्य अनेक छोटी-मोटी त्रुटियाँ भी रह गई हैं । किंतु इन सब त्रुटियों के होते हुए भी हमें पुस्तकालय के उत्साही कार्यकर्त्ताओं की प्रशंसा करनी चाहिए, जिन्होंने हिंदी में इस प्रकार की सूची सर्वप्रथम प्रस्तुत की है । किसी भी नवीन कार्य के आरंभकती को कुछ कठिनाइयों का स्वभावत: सामना करना पड़ता है, किंतु इससे कार्य के महत्व को किसी प्रकार अस्वीकार नहीं किया जा सकता । वर्गीकरण का ज्ञान प्राप्त करना स्वयं ही एक शिक्षण है (To learn to classify is in itself an education :-Alex
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