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नागरीप्रचारिणी पत्रिका लेखक ने कुछ ऐसे अँगरेजी शब्दों का प्रयोग किया है जिनके पर्याय हिंदी में पूर्णतया प्रचलित हैं; जैसे-ड्रस, गवर्नर, सर्टीफिकेट। विदेशी भाषाओं के शब्दों को तत्सम रूप में प्रयुक्त करना छोटे बच्चों के लिये त्याज्य है। वे उनका अर्थ न समझ सकेंगे। ___ इन तीनों पुस्तकों में कथानक से संबंध रखनेवाले कई रेखा-चित्र भी दिए गए हैं। उनसे इनकी उपयोगिता बहुत बढ़ गई है। परंतु चित्रों के विषय में एक बड़ी भारी शिकायत है। आजकल स्कूली किताबों में बहुधा ऐसे चित्र देखे जाते हैं जिनका कथानक के प्रसंग से कोई संबंध नहीं होता। प्रकाशक चित्र बनवाने का व्यय बचाने के लिये कभी कभी कहीं से कोई चित्र लेकर उन्हें जोड़ दिया करते हैं। इन चित्रों से लाभ के बदले जो हानि होती है उसकी ओर कदाचित् पैसा कमाने के लोभ के कारण वे ध्यान नहीं देते। खेद है 'बलभद्दर' और 'राक्षसों की कहानियाँ' में तीन चित्र बिलकुल एक ही दिए गए हैं। इनमें से 'बलभद्दर' के पृष्ठ ६ पर जो चित्र दिया गया है उसका संबंध भी उस स्थल के प्रसंग से नहीं मिलता। उसमें पुरुष के चेहरे पर भय और आशंका का जो भाव है वह 'पाशा' और 'बलभद्दर' के जीवन के वहाँ पर वर्णित वृत्तांत से नितांत असंबद्ध है। हाँ, यह चित्र वास्तव में 'राक्षस और सेनापति' (पृष्ठ ५) के आख्यान के लिये सर्वथा उपयुक्त है। इसी तरह 'राक्षसों की कहानियाँ' के पृष्ठ ५४ और ६७ पर के ही चित्र 'बलभद्दर' में क्रमश: १७ वें और १२ वें पृष्ठ पर छपे हैं। अच्छा होता, यदि ये चित्र इस तरह से विभिन्न वृत्तांतों में जबरदस्ती न घुसेड़े जाते ।
विद्याभूषण मिश्र
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