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जेतवन
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the south-west, and varies in width from 450' to 700', but it formerly extended for several hundred feet further in the eastern direction.
इस हिसाब से क्षेत्रफल प्राय: बाईस एकड़ होता है। यद्यपि अठारह करोड़ संख्या संदिग्ध है ता भी इसे कार्षापण मानकर ( जिसका ही व्यवहार उस समय अधिक प्रचलित था ) देखने से भी हमें इस क्षेत्रफल का कुछ अनुमान हो सकता है। पुराने 'पंचमार्क' चौकोर कार्षापणों की लंबाई-चौड़ाई यद्यपि एक समान नहीं है, तो भी हम उसे सामान्यतः ७ इंच ले सकते हैं, इस प्रकार एक कार्षापण से ४८ या वर्ग इंच भूमि ढक सकती है, अर्थात् १८ करोड़ कार्षापयों से करोड़ वर्ग इंच, जो प्रायः १४.३५ एकड़ के होते हैं । आगे चलकर, जैसा कि हम बतलाएँगे, विहार नं० १६ और उसके आस-पास की भूमि आदि जेतवन की नहीं है, इस प्रकार क्षेत्रफल १२०० x ६००' अर्थात् १९४७ एकड़ रह जाता है, जो १८ करोड़ के हिसाब के समीप है। गंधकुटी जेतवन के प्रायः बीचोबीच थी । खेत नं० ४८७ जेतवन की पुष्करिणी है, क्योंकि नकशा नं० १ का D. इसी का संकेत करता है। आगे हम बतलाएँगे कि पुष्करिणो जेतवन विहार के दर्वाजे के बाहर थो । पुष्करिणी के बाद पूर्व तरफ जेतवन की भूमि होने की आवश्यकता नहीं मालूम होती । इस प्रकार गंधकुटी के बीचोबीच से ४०० ' पर, पुष्करिणी की पूर्वीय सीमा के कुछ आगे बढ़कर जेतवन की पूर्वीय सीमा थी । उतना ही पश्चिम तरफ मान लेने पर पूर्व - पश्चिम की चौड़ाई ८००' होगी । लंबाई जानने के लिये जेतवन खास
( १ ) दीघनिकाय, महापदानसुत्त, श्रट्ठकथा, २८ । ( सिंहल - लिपि ) अम्हाकं पण भगवता पकतिमानेन साळसकरीसे, राजमानेन श्रट्ट
करीसे पदेसे विहारे। पतिट्ठितोति ।
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