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इस लिए मजहब के नाम पर ऐसी हरकतें कर बैठते हैं जो कुरान की नसीहतों और कुरान के हुक्मों के बिल्कुल खिलाफ हैं। ऐसे मुसलमान इस पुस्तक को पढ़ कर अपनी भूल सुधार सकते हैं । बहुतसे गैरमुसलमान कुरान को पढ़े बिना इसलाम और मुसलमानों के बारे में गलतफहमियों के शिकार हो जाते हैं और उन के बारे में बेहूदी बात कह दिया करते हैं जो झूठी और नुकसानदेह होती हैं। ऐसे लोग भी 'कुरान की झाँकी, देखकर अपने भ्रम का निराकरण कर सकते हैं। ___ 'कुरान की झाँकी' में कुरान के उपदेश कुरान के ही शब्दों में रखे गए हैं, कहीं कहीं मतलब को साफ़ करने के लिए कोष्टक में अलग पैराग्राफ बना कर सत्यभक्तजी ने अपना मत भी दे दिया है जिससे पाठकों को समझने में सहूलियत हो।
श्री. सत्यभक्त जी सर्व-धर्म-समभाव के प्रणेता हैं। आपका विश्वास है कि सर्व धर्म-समभाव के बिना मजहबों के बाहमी अगड़े नहीं मिट सकते, मानवता का प्रचार नहीं हो सकता। इसीलिये आपकी यह इच्छा है कि सभी धर्मों के मलग्रन्थों के सार इसी तरह की छोटी छोटी किताबों के रूप में रखे जाने चाहिए ताकि थोडे समय में थोड़ी पढ़ाई से और थोड़े खर्च में लोग अपने और दूसरों के धर्मग्रन्थों को ठीक ठीक समझ सकें।
हमारी इच्छा है कि यह पुस्तक घर घर में पहुँचे, और सब मुसलमान व गैरमुसलमान इसे पढ़ें । हम आशा करते हैं कि श्री. सत्यभक्तजी के इस प्रयत्न का पूरा पूरा सदुपयोग किया जायगा।
-रघुवीरशरण दिवाकर
बी. ए., एल-एल. बी.
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