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________________ ( ३६४ ) नसीहत- उल - आम. ६ - हरेक शख्शकों चाहिये बदनपर कपड़ा साफ पहने, चाहे कमकीमत का क्यौं- न- हो ? मगर साफहोना चाहिये, जोलोग दौल तमंद है मगर वसवव कंजूसीके अछेकपडे नही पहनते उनकी कदर नहीहोती, अछेकपडे पहनने से खजाना खाली नहीहोता, खजाना उसवख्त खालीहोगा जब तकदीरका सितारा जोफखायगा. अगर तुमकों रोजगार में पैदाश अछी है - तो - गुलाब केवडा वगेराहके इतरोसें अपने कपडे और लिवासकोंभी खुशबूमें वसायाकरो, मगर याद रहे ! अकेले अपने कोही सिंगारना बहेतरनही, देवमूर्तिकभी इतर वगेरासे तवजो-व- मुदारातकरो, हरेक शख्शकों चाहिकि- अपने हाथमें एक अंगूठी पहनेरहे, ताकि वख्त जरुरतपर काम आसके, अगर वनसकेतो एक जेंवघडीभी पासरखो, ताकि - वख्तभी - मालूमरहे, हरशख्शको लाजिम है जब घरसेवहार जावे कुछ रुपये पैसे भी अपने हमराहरखे, वजह उसकी यह है कि- तुमकोंअगर किसीने अमीर समझकर कुछ सवाल किया तो जरूर उसको न-कुछदेना होगा, या कोइ - दिलपसंदचीज नजरपडी तो उसको मौल लेनेकाभी खयालहोगा, सौचो ? अगर उसवरूत रुपये पैसे पास-न- होंगेंतो क्यों कर मौललेसकोगे ? सोहागन औरतकेलिये नथ - कंगन - और - नेवर पहनना जरुरीयातसेहै, ताकि - मालमहोसके यह औरत सोहाग है, " " ७- खानपानकेलिये-- गेहु - चावल - घी - सकर - दूध-बादाम - पिस्ते - किस्मीस - ये - ताकतवर चीजें है, अगर अपना खजाना तरहोतो - इनचीजों का इस्तिमाल रखना बहेत्तरहै, ताकि वदनकीताकात और कौवत बनीरहे, जिस्म में - ताकात - न - होगी तो धर्मभी-न-होस - केगा, हरेकशख्श - जोकि - दौलतमंद है रौजमररा पांचतोले वजन तक - घी - खाया करे, ताकि - जिस्मके आजा और हडियो में ताकात Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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