SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 464
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ३४६ ) बयान- बेलगांव - और - गोकाक. हरेक चीज यहांपर मिलसकेगी, यात्री शहर मे जानाचाहे शौखसे जाय और जैन श्वेतांबर मंदिरकी जियारतकरे, धारवाडसे रैलमें सवारहोकर मुगद-कांवर रांची- अल्नावर-- तवरगटी-नगरगल्ली-देबराइ - लौंडा - गुंजी - खानापुर-देसुर बेळगांव-आना, रै लकिराया एक रुपया. (बेलगांव ) जिलेका सदरमुकाम बेलगांव एका शहर है, सन (१८९१ ) की मर्दुमशुमारी की मर्दुममारी मयफौजी छावनीके (४०७३७) मनुष्योकी थी, जैनश्वेतांवर आक्कोकी आबादी और मंदिर यहां पर बना हुवा है, इर्दगिर्द बेलगांव तोकी बहुतायत और after anivर मौजूद है, बाजार उमदा हरेक किसमकी चीजे यहांपर मिलसकेगी, यात्री शहरमें जानाचाहे तो जाय और देखे, सरकारी कचहरियां- अस्पताल और स्कुल वगेरा मकानात किंमती बहुतेरे, नमक और नारियलकी तिजारत यहां अछी हुवा करती है और शहर काविल देखनेके है, बेलगांवसे रैलमे सवार होकर मुलेभवी-सुलधवल-पछापुर - और - धुपडल होते -गोकाक - रोडटेशन आना, रेल किराया साढेसात आने, [ गोकाक, ] गोकाकरोडटेशन से करीब ( ४ ) मीलके फासलेपर- गोकाक - एक छोटासा कस्वा है, सन (१८०१ ) की मर्दुमशुमारी के वख्त गोकाक की मर्दुमशुमारी ( १२१:६) मनुष्योकीथी, जैन श्वेतांबर श्रावक की आबादी और मंदिर यहांपर मौजूद है, गतपर्वनदीकीधारा (१७५ ) फीट उपर से बतौरचादर के गिरती है, गोकाक कFor नजदीक होने की वजहसे उसकानाम गोकाकका जलप्रपात मश Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy