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( ३३४ ) वीचबयान-शहर-त्रिचनापल्ली-और-मदुरा. क्यायपट्टी-नंदुपटी-अय्यालुर-वडामदुरा-दिंडीगल-अंवातुराइ-कोडेकनालरोड-अमायानायकनुर-वाडीपटी-सोलावंडन--और-समायनालूर-होतेहुवे मदुराटेशन जाय,__मद्राससे (३४५ ) मील दखन पश्चिमकी रुखपर वेगानदीके दाहने कनारे मदुरा एक पुराना शहरहै, आवश्यक मूत्रत्तिमें-जोदखन मथुरा लिखी है-वो यही है, पेस्तर यहां पांडववंशके राजा राज्य करतेथे सन ( १८९१ ) की मर्दुमशुमारीके वख्त मदुराकी मर्दुमशुमारी ( ८७४२८ ) मनुष्योंकी थी, करीव देशनके धर्मशाला बनीहुइहै बाजार अछा-और-हरेककिसमकी चीजे यहांमिलसकती है, सुनहरी किनारीदार-पघडी-दुपटे-और-साडी-यहां अछीवनती है, एकदो-दुकाने-मारवाडी श्रावकोकी यहांपर मौजूद है, जिलेमदुराके उत्तरतर्फ कोयंबतुर-त्रिचनापली-और-जिला तंजोरहै, पुरव
और-पूरव दखनकी रुखपर समुंदरकी खाडी-दखन और दखन पश्चिम- तिरुनलवेली जिला. और पश्चिम-त्रिरुबांकुरका ( यानी) त्रावनकोरका राज्यहै, मदुरासे एकरेलवे लाइन रामेश्वरको-औरएक लाइन-तुतीकोरिनको गइहै, यात्री लंकातर्फ जानेकेलिये तुतीकोरिनकों जाय, मदुरासें रैलमें सवारहोकर-पसुमलाइ-तिरुपरानकुंडरम-कापलुर-तिरुमंगलम-सिवराकोट-कालिगुडी--विरुदुपटीसुलाकरे-तुलुकापटी-वेपीयालीपटी छतरम-सेतुर-नली-कोयलपटी नलटीनपुतुर-कुमारपुरम-कदंबुर-देवलंगल--मनीयाची जंकशनतातापराइ-मिलावितन-और-तुतीमेलुर होते तुतीकोरिन टेशनजाय मद्राससे तुतीकोरिनतक-रैलकिराया-मेलटेनका चाररुपये पनराह आने लगते है,
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