SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 450
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (३३२) दरबयान-शहर-मद्रास. जायाकरते है, मद्रासका अजायबघर काविल देखनेके है, तरहतरहकी चीजे पुरानी और नयी कारीगिरी देखकर दिलको ताज्जुब होगा, हाइकोर्टके पास-फोर्ट सेंटजर्ज नामका किला निहायत संगीन और उमदा बनाहुवाहै, अतराफ मद्रासके नारियल और केलेकेड बहुतायतसे देखोगे, इलायची-काफी-सकर-सोडा--गुलाबमलकालीमीर्च-कापुर--किसमीस--छुहारे-बादाम-पिस्ते-चिरोंजी-अखरोट--और केशर-कस्तूरी वगेराचीने गेरमुल्कोसे यहां आती है और विकती है, कइतरहका माल असबाब-इग्लांडचोन-जापान-रंगुनवगेरासे यहांआताहै, सोनाचांदीके गेहने यहां उमदा बनते है, मद्रासके दौलतमंद वाशिंदे जवाहिरात और सोनेके गेहनोसे हमेशां सजे सजाये रहते है, औरतेभी उमदा लिवास पहनी हुइ रहती है, हरजगह गानेबजानेको मजलीसमें नामीगवैये अपने इल्मका जहोर दिखलारहे है. ___सेंट्रल रेलवे टेशनके पास रानीबाग काबिल देखनेके है, जि. समे-शेर-भालु-चीता-गेडा-कबूतर-तोता-मैना-चिडिया वगेरा रखेहुवे है, मद्रासमें--तैलंगी-अवी-कनडी अंग्रेजी--और-उर्दूवगेरा जबान बोलीजाती है, मुल्क गर्महोनेकी वजहसे लोग रुइदार कपडे कम पहनते है, और खानपानमें दालचावलका इस्तिमाल ज्यादह रखते है, मद्रास हातेमें काफी-तमाखू-और-चायकी पैदाश कसरतसे-होती है, नमकभी यहां बनाया जाताहै, मुंगफलीभी यहां बहुता. यतसे पैदाहोती है, केतकीके पेंड हरजगह देखोगे, समुंदरके कनारे हवा बहुत जोरसे चलती है और पानीकी लहरे दिलको फरहत बक्षती रहती है, पेस्तरके शास्त्रोमें इसमुल्कका नाम द्राविड लिखा है, मद्रास हातेके मुताल्लिक-पिनाकिनी-पनार-बैगा-वैलर-ताम्रपर्णीऔर-तुंगभद्रा वगेरा नदीयां बहती है, मद्राससे रैलमें सवारहोकर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy