________________
hain.co.in.sax.varninrriam
तवारिख-शहर-कलकत्ता. ( २९७ ) इग्लांड-अमरिका-फ्रांस-जर्मनी-रुस-चीन-जापान--आफ्रिकाइटाली-स्वीटझरलेंड-स्पेन-नोर्वे-स्वीडन-अरव-काबुल-जंजीबारमोरसस-वगेरा मुल्कोकी बनीहुइ चीजे-यहां मीलसकतीहै, तरहतरहकेबाजे-और-साज यहांपर कारिगिरलोग बनातेहै. जहोरीयोकी दुकाने देखो-तो-तरहतरहकी जवाहिरात नजर आती है, कपडेवालोकी दुकाने-तिजारतकी कोठीये घडीसाजोकी दुकाने जिसमें हजार हजार रुपयोकी कीमती घडी मौजूदहै, हरेककिसमके मेवे-बादाम-पिस्ते-अंगुर-अनार वगेरा-जो-चाहो-यहां लेलो, पुरी-कचौरी-मिठाइ-वगेरा हरवख्त ताजी मिलसकती है, नाशपाती-आम-अमरुद-सेव-शरीफे-फालसे-वगेरा यहां हमेशां मिलसकते है, अलिपुरके बगीचेमें तरहतरहके जानवर-परीद-तोते चीडिया-शेर-हिरन-गेंडा-बंदरवगेरा मौजूदहै, अजायब घरमें तरहतरहकी चीजें-अमरिका-आष्ट्रेलियाके जानवर-हिंदुस्थानकी कारीगिरीके नमुने-समुंदरके जानवरोके कलेवर-आफ्रिकाके बडे बडे शेर-और-व्याघ्रके कलेवर-मसालोसे भरेहुवे रखेहै, आदमीयोंके कलेवरभी मौजूद है जिसको देखकर इसतरहकी नसीहतहोती हैकि-बदनका पुतला-इसतरहका बनाहुवाहै, कइमूर्तिये-शिलालेख देखकर पिछलाजमाना याद आता है. अजायबघरके अजुबात देरखनेसे एकतरहकी-नसीहत मिलती है,
जैनश्वेतांबर श्रावकोके घर शहरकलत्तेमें करीब (७००) होगे, जहोरी-मारवाडी-गुजराती-सब इसमें आगये, इनमें दुकाने सा. मीलनहि किइगइ, अफीमचौरास्तेपर-एक-जैनश्वेतांबरमंदिर उमदा और बेशकीमती बनाहुवाहै, जो-कोइ-जैनश्वेतांबरयात्री कलकत्ते. कों जाय-हवराटेशनपर उतरे, हवराटेशनसे कलकत्तेकों जातेवख्त रास्तेमें गंगाका पुल बंधाहुवाहै, गंगाकनारे देखोतो तरहतरहकी
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com