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________________ ( २३२ ) तवारिख-तीर्थ-सिंहपुरी-और-चंद्रावती. कदम और तीर्थकर शांतिनाथ महाराजकी शामरंगमूर्ति करीब (१॥) फूटबडी तख्तनशीनहै, दर्शनकरके दिलखूशहोगा. करीब (४) विधेके घेरे मंदिर और कोट इस खूबसुरतीकेशाथ बने हैकि -मानो ! एक देवमजलिस नजर आती है. कोटकी पूर्वतर्फ गंगा नदी बहती है, पहाडकी चोटीपर क्याही ! उमदा तीर्थस्थान बना हुवाहैकि-जिसकी तारीफ ३मीशालहै. कोटकेघेरेमें करीब पांचहजारआदमी बखूबीवेठसकते है,-मंदिरकी पश्चिमतर्फकाकोट गिरगयाहै, इसकी मरम्मतहोना दरकारहै, यात्री चंद्रावतीकी जियारत करके वापिस वनारस आवे. रैलरास्तेगयेहो-चे-रैलसे-और-इक्के वीमें गयेहो-वे-इक्के बगीमें बनारसही आवे, क्योंकि-आगे-जानेकेलिये रास्ता इधरहीसे है.-बनारससे यात्री गया शहरहोतेहुवे आगे भदीलपुरकी जियारतकों जावे. बनारससे रैलमें सवारहोकर-मोगलसराय-मझवार-सैयदरा. ज-कर्मनासा-दुर्घटी-भाबुआरोड-पुसौली-कुद्रा--सहसराम-करवंडिया-देहरीआनसोन-सानइष्टवंक-पालमेरगंज-फिसार--जखीम-रफीगंज-इस्माइलपुर-और-परैया होतेहुवे गयाशहर जाय, रैलकिराया अंदाज पनराआने नवपाइ, बिहारप्रदेशमें गया-एक पुरानाशहरहै, गयाके दो हिस्से है, एकपुरानागया-और-दुसरासाहबगंज, फल्गुनदीके वायेकनारे दोनोंहिस्से आवादहै, साहबगंजमें सडकेलंधीचौडी-मकानात-दोतीन-मंजिले-और-बाजार रवनकपरहै. जैनश्वेतांवर श्रावकोके घर-या-मंदिर यहांपर नही.तिजारत गया ज्यादहहोती है, फल्गुनदीके कनारे कइघाट बनेहुवे है, वैदिक मजहबवाले गया में अपनातीर्थ मानते है, और पीडदान करते है, गयाशहरसे (६) मीलके फासलेपर बौधगया नामसें एकमशहूर मंदिरहै. और बौधलोग बडीवडीदूरसे यहां आते है. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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