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________________ तवारिख-तीर्थ-रत्नपुरी. ( २१५ ) विभागमें जिलेका सदर मुकाम फैजाबादभी एक अछा शहरहै, बाजार उमदा और हरेककिसमकीचीजे यहांमिलसकती है, टेशनसे शहरकुछ फासलेपरहै, सवारीकेलिये इक्का-बगी--तयारमिलेगी, शहरमेंजाकर यात्री चौकबाजार त्रिपोलिया दरवजा तलाशकरे, और महोले पालखीखानेमें जो बडाशिखरबंद जैनश्वेतांवरमंदिर बनाहै दर्शनकरे, इसमें मूलनायक तीर्थकर शांतिनाथमहाराजकी मूर्ति करीब सवाफुटबडी तख्तनशीनहै,-फैजाबादसें यात्री तीर्थ रत्नपुरीकी जियारतकों जावे, रास्ते दो है,-एकरैलका-दुसराखुश्की, रैलरास्तेजानेवाले यात्री फैजाबादसे रैलमें सवार होकर सोहावल टेशन जाय, फैजाबाद और सोहावल टेशनका कुछबहुत फासलानहीं है, एकहीटेशन आगे है, सोहावलटेशन उतरकर बजरीये बेलगाडीके तीर्थरत्नपुरी पहुचे जो पोनकोश दुरहै, खुश्की रास्ते जानेवालेयात्री फैजाबादसें इक्के-या-बगीमें सवारहोकर रत्नपुरीकोजावे, सडकपकी बनीहुइहै, रास्ताकरीब (१०) मीलका होगा, फैजाबादसे शुभहकेगयेहुवे जियारतकरके शामको वापिस आसकतेहो, मगर जियारतमें जल्दीकरना मुनासिवनही, एकरौज रत्नपुरीमें ठहरकर दुसरेरौज फैजाबाद आना अछाहै, use [तवारिख तीर्थ रत्नपुरी, ] रत्नपुरी पेस्तर बहुत आवादथी, आजकल छोटीबस्तीरहगइ, इसका दुसरानाम नवराही बोलते है, पनराहमें तीर्थकर धर्मनाथ महाराज इसीरत्नपुरी में पैदाहुवे चवन-जन्म-दीक्षा-और-केवलज्ञान-ये-चारकल्याणक उनके यहांहुवे, भानुराजाकेघर मुव्रतादेवीकी कुखसे माघसुदी (३) पुष्पनक्षत्रकरौज उनका यहां जन्महुवा कइअर्सेतक उनोने यहां रत्नपुरीपर अमलदारी किइ दीक्षाके पेस्तर उनोने यहां एकसालतक हरहमेशां खैरातकिइ, और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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