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( १९४ ) बान-शहर-जंबु-और-काश्मिर. ऐसी जगहपरकोइ यात्रीमंदिरकी मरम्मत करावे-औरधर्मशाला बनवावे बहुतअछीबातहो, वरना ! जोकुछ अबहै वहभी-न-रहेगा, यात्री यहां आनकर मंदिरके दर्शनकरे, और जोकुछ बनपडे तीर्थमें देवे, तीर्थमें खेरात करना वडापुन्यहै, भैरेके पास-पिंडदादन खानमें जैनश्वेतांबर श्रावककोंके घर पनराह बीस आवादहै, तीर्थ वितभयपतनकी जियारत करके यात्री रैलमसेवार होवे और मुल्कोवाल जंकशन होतेहुवे वापिस लालामुसाजंकशन आवे, लालामुसासे शहर गुजरात और केथला टेशनहोते वजीराबाद जंकशन उतरे, रैलकिराया पेस्तर लिखचुके है, वजीराबादसे जंबुजानेवाली रैलमें सवार होकर-सोधरा-बेगोवाला-संब्रियलउगोकी-स्यालकोट-डालोवाली-सुचेतगढ-रणविरसिंह-मिरानसाहब-और-सतवारी केंटोन्मेट टेशनहोते-जंबुकेपास टावीटशनउतरे, वजीराबादसे यहांतक रैलकिराया नवआने नवपाइ लगतेहै,- .
बयान-शहर-जंबु-और-काश्मिर. ] ... मुल्क काश्मिरकी अमलदारीमें राज्यकी दखनपश्चिम सीमाके पास-चनाबनदीकी सहायक टावीनदीके कनारे जंबु एक निहायत उमदा शहरहै, काश्मिर महाराजका तख्त जंबुमभी है और श्रीनगरभी राजधानी कामिरहीकी है, सन ( १८९१ ) की मर्दुमाधुरीमें जंबुकी मर्दुमशुमारी ( ३४५४२ ) मनुष्योकीथी, राजमहल नदीके दाहने कनारे और किला वाये कनारे पर नदीकी सतहसे (१५०) फीट उपरकों है, जंबुका बाजार बहुत अछा और हर किसमकी चीज यहांपर मिलसकती है, मकान उमदा और खूबसुरत वनेहुवे यहांसे श्रीनगरतक सोदागीरीका मार्ग-और आमदरफत होतीरहती है, मुल्ककाश्मिरमें पेस्तर जैनोकी आवादीऔर जैनमंदिरथे. मगर अब नहीरहे, यात्री अगर क्षेत्रफरसना करना चाहे-तो
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