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तवारिख - चितोडगढ़.
परहै, चितोडकी मर्दुमथुमाही ( १०२८६ ) मनुष्योंकी - जैन श्वेतांवरश्रावकों के घर अंदाज (५०) और (२) जैन श्वेतांबर मंदिर यहां पर बने हुवे है, एक जुनेबाजारमें और दुसरा तीर्थकर रिषभदेव भगवानका पुराना जिसमें एकतर्फ राजा संप्रतिकी तामीरकिs हुइ मूर्ति जायेनशीन हे बाजार चितोडगढका गुलजार और हरेक कि सम की चीज यहां मिल सकती है शहरके मंदिरोंके दर्शनकर के दूसरे रौजया श्री किले चितोडगढपर जावे, मगरजाने के पेस्तरराज्य कीतर्फ से इजाजत लेनाचाहिये. अगर राज्यका पास-न- ले जाओगे-तो-किला-नदेखसकोगे, और अबल दवजेपर रोकडियेजाओगे, किला-चितोडगढ़ निहायत पुख्ता - और उपरजाने के लिये - सडकपकी - चढ़ाव उतार करीतीनकोश - रास्तावलखाता हुवा उपरकों गया है, स वारी हरेक किसकी उपर जासकती है, मगर किराये पर वगीवगेरा नही मिलती, सीर्फ ! बैलगाडी मिलसकेगी, जब किले पर पहुचोगे बडेबडे मैदान - तालाव और आमरास्ता नजरपडेगा, कुछआगे बढ़नेसे बाजार दुकाने और लोगो की आबादी मिलेगी. गणेशपोल दरवजा लक्ष्मगदरवजा रामपोलदरवजा - कर टुटेफुटेमकान - और खंडहर देखकर पुराना जमाना याद आता है, तत्रारिखो में देखते हैतो - हर जगह चितोडगढकीतारीफ पाइजती है, पेस्तर यहां जैनोकी आबादी बहुतथी, मगर अबकुल ( २० ) घर जैन श्वेतांबरश्रावका के रहगये, नजदीकर नेश्वरतालाब के - एक जैन श्वेतांवरमंदिर और उपाश्रय मौजूद है, मंदिरमें राजासंप्रतिकी तामीर किइहुइ तीन मूर्त्तिये जायेनशीन है, पुराने कीर्तिस्थंभ केपास - और - रास्ते में (२.) जैनश्वेतांबरमंदिर खालीपडे है, अंदाज किया जाता है मूर्ति उठाकर दूसरी जगह पधराइगइहोगी. मंदिर खाली रहगये, क्याक्या ! कारीगीरी इनमंदिरोमें हुईहै देखकर ताज्जुबकरोगे, खुशनसीबाने क्याक्या
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