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________________ LS [सवान-उमरी, The Life and Times of Mooni Shantivijejee,जनाब फेजमाब-मग्जनेइल्म-जैनश्वेतांबर धर्मोपदेष्टाविद्यासागर-न्यायरत्न-महाराज-शांतिविजयजीकी सवाने उमरी-(यानी,) जीवन-चरित.) महाराजका जन्म संवत् (१९१७ ) में शहरभावनगर--जिले काठियावाड मुल्क गुजरातमें हुवा, उनकेवालिदका नाम मानकचंदजी-और वाल्दाकानाम रलियातकवरथा, दोनों जैनमजहवपर साबीतकदम और पके एतकातवालेथे. जब उनकेघर बेटा पैदाहुवा बडीखुशी हासिलहुइ, और नाम उनका हठीसिंहरखा, जब उनकी उमर करीब आठसालकी हुइ इनकेवालिदने इनकों इल्म हासिल करनेकेलिये मदर्सेको भेजे, और इनकी छोटीउमरमें अकल इतनी तेजयीकि-किसीशख्शसे एक मरतबा कोइ बात सुनलेतेथे फौरन . याद होजातीधी. और लोग इनकीअकलकी तारीफकरतेथे. दश वर्षकी उमरमें इनकेवालिदका इंतकालहोगया और इनकेचचासाहब शेठ मूलचंदजी इनकी परवरीश करनेलगे. हमेशां अपने भतीजेकों जैनमजहबकी बहुतसी हिकायते और किस्से कहानी कहाकरतेथे, 'पस ! इनकों बहुतसीहिकायते बडेबडे आलिम फाजिलमुनिओंकी मुहजवानी याद होगइ, और-ये-इसकदर छोटी उमरमेंभी देव. पूजन करतेये, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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