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बयान शिहोर-भावनगर-और-गोधा. (७७) शहरपालितानेमें एकमंदिरजो दिगंवरलोगोकाहै थोडेवर्षोंसेवनाहै धर्मशालाभी-थोडेअर्सेसे बनीहुइहै जितनी पुरानीधर्मशाला-और पुरानेजैनमंदिर तीर्थशत्रुजय-या-शहरपालितानेमें है सवजैनश्वेतांबरोकीतर्फसे है. हमनेइसतीर्थकी कइदफेजियारतकि और मुनिहालतमेचौमासाभी यहांठहरेहै जीसनेइसतीर्थकी जियारत नहीकिइ उसनेजैनमंदिरोंकी झलाझलरौशनी नहीदेखीयहकहना कोइगलत नही,
pe [तवारिख तीर्थ-शत्रुजय खतमहुई.] यात्रीशQजयतीर्थकी जियारतकरकेवापिस सौनगढटेशनकोंआवे, और सौनगढदेशनसें पांचमीलपूरवकों-जो-शिहोरकस्वाहै ब-जरीयेरैलकेजाय, टेशनसें (१) मील-दखनकीवाजुशिहोरकस्बा-आवादहै, शिहोरकीमर्दुमशुमारी (१०००५) मनुष्योंकी-और-उसमेकरीव (५००) जैनश्वेतांबरश्रावक आवादहै, एकशिखरबंद-जैनश्वेतांबर मंदिर-और-यात्रीयोकोंव्हरनेकेलिये एकधर्मशाला यहांपरबनीहुइ है, यात्रीइसमेंकयामकरे कोइतकलीफ-न-होगी. शिहोरकीतमाखू
और-वर्तन-तांवापीतलके-मुल्कोमेमशहूरहै, असलमेंशिहोरकस्वापहाडकेघेरेआवादहै, औरपेस्तर यहांइतनाझाडी-झुखड-थाकि-कोशोतकरास्तापाना-दुसवारथा, मगरजमानेहालमें वहसब-साफ करादियागया. ब्रह्म-कुंड-और-गौतमकुंड यहांकाबिलदेखनेके है, बाजारमें निसचीजकीदरकारहो-मिलसकेगी.-पुरानेशिहोरमें पहाडोंकेउपरकइ मकानातबनेहुवे है, शिहोरसें रैलमेसवारहोकर वरतेज टेशनहोतेहुवेयात्री शहरभावनगरजाय, सोनगढटेशनसें भावनगर तकरैलकिराया चारआने,
शिहोरदेशनसे (१४) और-सौनगढटेशनसे (१९) मीलदूर भावनगरशहरएक-लकादेशनहै, सन (१७२३) इस्वीमें भाव
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