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________________ ( १४ ) कानुन - रेलवे. [ कानुन-रैलवे, ] रैलसवारीमे तीसरे दर्जे का किराया - पौन पैसे से एकपैसा फीमीलत कहै, इंटरक्लासका किराया एकपैसे से देढपैसा - फी-मील-सेकंडक्लासका किराया दो - पैसे से तीनपैसे मील-और-फर्स्टक्लासका किराया - एक आनेसे देढ आने मील तक है, - फर्स्ट-और-सेकंडक्लास के सोतेहुवे मुसाफिरकों रैलकाको अप्सर - या - नोकर जगा- नही सकता. तीन वर्ससें बारांवर्सतक के बच्चोंका किराया मआफहै, तीनवर्स बारांवर्सतकके बच्चोंका किराया आघालियाजाता है, बारांवर्सतकका लडका औरतकेशाथ जनानागाडीमै बेठसकता है, इससेज्यादहउमरका नहीवेंट सकता, रैलटेशन के भीतर प्लेटफोर्मपर गाडी आनेजानेकेवख्त कोइ जाना चाहे दो पैसे की टिकीटप्लेटफार्म लेकर भीतरजासकता है, रेलवेमुसाफिरोंकों इसबातपर जरुरखयाल रखना चाहिये कि जब टीकिट खरीदेतो- उसको पढलियाकरे. या - दूसरेसें पढालेवे, क्योंकि- टीकीटके जोदाम दिये होते है - टीकीटपर लिखे रहते है- उसकोंदेखलेना चाहिये कि - गलतीसे दुसरेटेशनका टीकीट - तो नही आ गया. - चलतीहुइ रैलकादरवाजाखौलनेवाला मुसाफिर कानुनीमुजरीमहोता है, और खुदकोंभी गिरजानेका खतरा है, जिसमुसाफिरने टीकीटखरीद लियाहो-औररैल में बेठने की जगह - न - मिलने की वजह से उसमें - जा न सकेतो- वह तीन ichitre टेशनमास्तरसे अपनाकिराया पीछा ले सकता है - या - उसके बाद जानेवालीगाडीमें जासकता है. जिसदर्जेका टीकीटखरीद कियाहो उसदर्जे में जगह-न- हो - और - वहमुसाफिर कमदर्जे में भेजाजावे - तो - बाकीकेदाम रैलवालोंसे वापीस मीलसकता है, अगरकमदर्जे का टीarratara बडेदर्जे में जानाचाहे तो बाकीके दाम देकर बडेदर्जेका नयाकीट लेकरजासकता है, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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