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हिदायत-उल-आम. (११) लेलो, जहांजाकर उतरनाहो-वहां-वहरसीद दिग्वलाकर अपनाअसवाव, अगर ब्रीकमें दियाहो तो-गार्ड-या-टेशनमास्तरसे मिलकर छोडालो.-अगरशाथरवाहोतो कुलीकेपास उठवाकर मुसाफिरखानेमें लेजाओ, मगर कुलीका नंबर देवलियाकरो, याते चौरीजानेका खौफ-न-रहे,- अगर किसीशहरसे-या-रास्तेमें कुछअसबाबखरीदो -और-अगर-वहबहुतह-तो-एकसंदुकमे बंदकरके बजरीये रैलमालम--या-पारसलमें-जिसमें किराया कमलगे, घरकोंभेज दो. अगर थोडा भेजनाहो-तो-डाकखानेमें थोडामेहमूल लगताजानो डाककेजरीये पारसलबनाकर भेजदो. ताकि-रास्तेमें उठायेउठायेन-फिरनापडे,-न-बोयेजाने-या-टुटने फुटनेका खौफरहै, अगर किसीमुकामपर घरसे खबर मंगानाहो-तो-लिखभेजो, फलानेशहरके डाकखानेमें यहचीटी जमारहे, जवफलानेनामका शख्श फलानाशहरकारहनेवाला आवेतो उसे मिले. उसडाकखानेसें अपनानामवतलाकर अपनी चीठी मांगलो.
अगर तुमको गानेवजानेका शौख है-और-सितार-सारंगी-या हारमोनियम बजाना जानतेहो-तो-उसकोंभी शाथलेजाओ. तीर्थोमें जिनेंद्रोंकी तारीफकेपदगाना, और अपनेआत्माकों अनित्य-अशरणभावनासे भावितकरना-जिससेआइंदे अपनाभलाहो. अगर पहाइपरचढकर दूरदूरकेमकानोंकी औरकरनाचाहतेहो-तो-एकदूरबीन भी साथलेतेजाओ, अगर फोटोउतारना जानतेहोतो-फोटोकाकेमरा भीशाथलेलो. औरतीर्थोके फोटोउतारलेआओ. तीर्थभूमिमें कोश दो-कोश-या-जंगलमें कोइमंदिरहो-उसकेदर्शनभी जरुरकरलिया करो, थोडीदरके दर्शनछोडकर जबघरआओगे इसबातपर रंजहोगाकि-हमने थोडीसीजगहकेलिये तीर्थकेदर्शन नहींकिये. और घर चलेआये. तावेउमरघरही बैठेरहनाहै, तीर्थमेंजाकर जल्दीकरनाठीक
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