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गुजरांवाला पधारे थे तब उन्हों ने श्री आत्मानन्द जैन महासभा पंजाब की कांगड़ा सब-कमेटी को बताया था कि कांगड़ा प्रांत में ऐतिहासिक जैन मन्दिर मौजूद थे। उनका कथन था कि आर्कियोलोजिकल डिपार्टमैंट की तरफ से जब भी कांगड़ा के आस पास खुदाई का काम होगा तब खण्डरात में दबी हुई बहुत सी जैन मूतियां निकलेंगी जो भारतवर्ष के इतिहास पर प्रकाश डालेंगी. । रिसर्च-स्कालरों का अपना ध्यान कांगड़ा प्रात की ऐतिहासिक खोज की तरफ देना चाहिये । जैन समाज का भी कर्तव्य है कि कांगड़ा तीर्थ की उन्नति के लिए यत्न करे।"
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