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________________ बीकानेर के व्याख्यान ] [ = 3 महान पुरुष कहलाता है और त्यागी भी महापुरुष कहलाता. है। मगर आप तो कर्मों का नाश करने के लिए महापुरुष की खोज कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में स्वयं ही निर्णय किया जा सकता है कि उक्त दोनों में महापुरुष कौन है ? हम अपने कर्मों का नाश करना चाहते हैं, इसलिए हमें ऐसे ही महापुरुष का आदर्श ग्रहण करना है जो त्यागी हो । जो सच्चा त्यागी होगा वह निश्चय ही सत्य पथ पर चलेगा । वह मिथ्या मार्ग को स्वीकार नहीं करेगा | सारांश यह है कि त्यागी पुरुषों का मार्ग कर्मनाश करने के लिए पुल के समान है । ▾ एक प्रश्न यह भी किया जा सकता है कि किसका त्याग करने वाले को त्यागी समझा जाय ? इस प्रशन का उत्तर शास्त्र यह देते हैं कि जिसने हिंसा, असत्य, चोरी, मैथुन और लोभ आदि अठारह पापों का त्याग कर दिया है वही त्यागी कहलाता है । जिसमें क्रोध, मान, माया, लोभ, मोह, मात्सर्य, अज्ञान आदि न हों उसी को त्यागी समझना चाहिए । ऐसा त्यागी ही महापुरुष कहलाता है । साँप ऊपर की केंचुली त्याग दे मगर विष का त्याग न करे तो उसकी भयंकरता कम नहीं होती । इसी प्रकार जो ऊपर से त्यागी होने का ढोंग करते हैं, परन्तु अंदर के राग-द्वेष आदि विकारों से ग्रस्त हैं, वे महापुरुषों की गणना में नहीं आ सकते । राग-द्वेष का क्षय हो जाने पर केवल ज्ञान की उपलब्धि होती है और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034899
Book TitleJawahar Kirnawali 19 Bikaner ke Vyakhyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Maharaj
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year1949
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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