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[ जवाहर - किरणावली
सकता है, जिन्हें हमने हानि पहुँचाई है । जिन्हें हमने हानि पहुँचाई है, वे हमारे विषय में क्या कहते होंगे ? इस वेश्या ने यथार्थ ही कहा है ।
अदालत ने वेश्या को साइबेरिया भेज दिया। साइबेरिया रूस का वह भाग है जो वहाँ का काला पानी समझा जाता है और जहाँ शीत अधिक पड़ता है ।
टाल्सटाय सोचने नगे - वेश्या को तो दंड मिल गया । पर असली अपराधी बच गया । मगर दूसरे की निगाहों से बच गया तो क्या हुआ, मैं अपनी निगाह से कैसे बच सकता हूँ ? टाल्सटाय ने साइबेरिया के अधिकारियों से मिल-जुल कर उस वेश्या को सहायता पहुँचाना आरंभ किया । उसने यह भी प्रबन्ध कर लिया कि वेश्या के समाचार उसे मिलते रहें । यद्यपि टाल्सटाय उसकी यथायोग्य सहायता कर रहा था, किन्तु किसी के पूछने पर वह यही उत्तर देती थी कि एक दुष्ट ने मुझे भ्रष्ट कर दिया था और उसी पापी का पाप मैं यहाँ भोग रही हूँ ।
वेश्या के यह उद्गार टाल्सटाय को मालूम होते रहते थे । दूसरा होता तो कह सकता था - क्या मैं अकेला ही पापी हूँ ? उसने भी तो पाप किया था । उस पापिनी की मैंने जान बचाई और सहायता भी कर रहा हूँ, इतने पर भी वह ऐसा कहती है ! लेकिन इस घटना से टाल्सटाय की आँखें खुल चुकी थीं। वह उस वेश्या की बातें सुनकर पश्चात्ताप करते
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