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बीकानेर के व्याख्यान ]
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जाता था और विपुलता को देखकर डरता था कि इनसे किस प्रकार छुटकारा पा सकूँगा ! मगर आपकी और आपके स्तोत्र की शक्ति को देखकर मुझे बहुत श्राश्वासन मिला है। अब पापों से छुटकारा पाने की पाशा बँध मई है। इसलिए मैं बहुत प्रसन्न हूँ। मैंने सुना है कि आपके गुणों में तन्मय हो जाने वाले देहधारी के अनेक भवों के पाप क्षण भर में नष्ट हो जाते हैं । अब मुझे उन पापों से डर नहीं लगता ____ कहा जा सकता है कि परमात्मा के गुणों में तन्मय हो जाने वाले के पाप एक क्षण में किस प्रकार नष्ट हो जाते हैं ? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए प्राचार्य कहते हैं
संसार भर को जिसने व्याप्त कर लिया है, वह रात भर का इकट्ठा हुआ अंधकार और उपायों से अगर नष्ट हुआ भी तो थोड़े-से भाग का नष्ट होता है, सारे संसार का अंधकार नष्ट नहीं होता । एक शक्ति को छोड़ कर और कोई शक्ति नहीं है जो संसार भर के अंधकार का नाश कर सकती हो । हाँ, एक शक्ति ऐसी है जो देखते-देखते उस अंधकार को समाप्त कर देती है। सूर्य की किरणों के फैलते ही अंधकार कहाँ विलीन हो जाता है, पता नहीं चलता । प्रकृति की यह घटना प्रत्यक्ष देखकर मुझे विश्वास हो गया है कि जब एक सूर्य संसार भर के अंधकार को नष्ट कर डालता है तो जिसके. सामने अनन्त सूर्य भी तुच्छ हैं, ऐसे परमात्मा की स्तुति में जब मैं तल्लीन हो जाऊँगा, परमात्मा के साथ आत्मा को मिला Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com