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बीकानेर के व्याख्यान ]
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प्रकार तुम्हारे दोनों हाथों में से एक में नरक की और दूसरे में स्वर्ग की चाबी है। जिसका द्वार खोलना चाहो, खोल सकते हो। अपनी एक आंख से कूटशाल्मलि वृक्ष बना सकते हो और दूसरी को नन्दन वन बना सकते हो। दोनों का बनाना तुम्हारे अधीन है। जो चाहो, बना लो। आपकी शक्ति स्वर्ग और अपवर्ग की ओर भी ले जा सकती है । और नरक एवं निगोद में भी घसीट सकती है जिस ओर जाना चाहो, जा सकते हो । अगर अपनी शक्ति का उपयोग करोगे तो कल्याण के भागी होओगे और अपने मानवभव को सफल बना सकोगे ।
GUYANE
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