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________________ १७८ ] [ जवाहर-किरणावली मँगवा लिया जायगा। प्रधान का आश्रयदाता मित्र प्रातःकाल ही राजा के दरबार में जा पहुँचा था । वह चुपचाप सारी बातें सुनता रहा। सारे शहर में हलचल मची थी। ___ सब बातें सुन चुकने के बाद मौका देखकर प्रधान के मित्र ने मुज़रा किया। राजा ने कहा-सेठ, तुम कभी आते नहीं। आज आने का क्या कारण है ? सेठ-पृथ्वीनाथ कुछ अर्ज करना चाहता हूँ। राजा-कहो । सेठ-एकान्त में निवेदन करूँगा। राजा और सेठ एकान्त में चले गये । वहाँ राजा ने पूछने पर सेठ ने कहा-महाराज, प्रधानजी ने क्या अपराध किया है ? क्या मैं यह जान सकता हूँ? __राजा ने कई-एक अपराध गिना दिये, जिनके विषय में कोई प्रमाण नहीं था। सेठ-आपके कथन को मिथ्या कैसे कहा जा सकता है ? मगर प्रधान के विना तो काम चलेगा नहीं। आपने इस विषय में क्या सोचा है ? राजा-दूसरा प्रधान बुलाएँगे। सेठ-कदाचित् वह भी ऐसा ही निकला तो क्या होगा ? राजा-उसकी परीक्षा कर लेंगे। सेठ-नये प्रधान की जिस प्रकार जांच करेंगे, उसी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034899
Book TitleJawahar Kirnawali 19 Bikaner ke Vyakhyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJawaharlal Maharaj
PublisherJawahar Vidyapith
Publication Year1949
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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