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मंदिर में मूलनायक श्री पार्श्वनाथ स्वामी की ढाई फीट ऊँची श्याम पाषाण की अतिशययुक्त चतुर्थ काल की महामनोज्ञ प्रतिमा विराजमान है । इस प्रतिमा के कारण ही यह अतिशयक्षेत्र प्रसिद्ध है । इस मन्दिर के चारों ओर ५२ देवरी और बनी हुई हैं, जिनमें ५२ दि० जैन प्रतिमायें मूलसंघी शाह जीवराज पापड़ीवाल द्वारा प्रतिष्ठित विराजमान हैं। यहां के दर्शन कर के भोपाल जाये ।
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भोपाल
यहाँ चौक बाजार के पास जैन धर्मशाला है । यहाँ एक दि० जैन मंदिर और एक चैत्यालय है । यहाँ के कुछ मील दूर जंगल में बहुत-सी जैन प्रतिमायें पड़ी हैं । उनकी रक्षा होनी चाहिये । एक बड़ी खगासन सुन्दर प्रतिमा एक मकान में विराजमान करदी गई है । यहाँ दर्शनीय स्थानों, प्रसिद्ध तालाब तथा नवाबी इमारतों को देखकर इटारसी होता हुआ नागपुर अकोला जावे ।
श्री अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ
श्री अन्तरीक्ष पार्श्वनाथ अतिशयक्षेत्र अकोला स्टेशन (G.I.P.) से १६ कोस दूर शिरपुर ग्राम के पास है । शिरपुर में दो दि० जैन मंदिर हैं, जिनमें एक बहुत पुराना है । उस के भौंहरे में २६ दि० जैन प्रतिमायें विराजमान हैं । इन के सिवाय
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