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जैनज्योतिष और वैद्यक-यन्ध
अनुपूर्ति (ले०-श्रीयुत बाबू अगरचन्द नाहटा)
भास्कर के गत अङ्क में "जैनज्योतिष और वैद्यकग्रन्थ' शीर्षक मेरा लेख छपा है, उसमें श्वेताम्बर-वैद्यक-ग्रन्थ कोई प्रकाशित नहीं हुआ लिखो गया था, पर अभी हर्षकीर्ति-कृत योग-चिंतामणि ग्रंथ गुजराती अनुवाद-सहित प्रकाशित देखने में आया है एवं पं० मगवान दास जो (जयपुर) से कई एतद्विषयक अन्य जैनग्रंथों का पता लगा है, अतः नीचे उनकी सूची दी जाती है :
ज्योतिष-स्वप्न सामुद्रिक-ग्रन्थ १ भुवनदीपक टीका (रत्नदीपक) ... खरतर रत्नधीर-कृत सं० १८०६ । २ तिथिसारणी .... पार्वचंद्रगच्छीय बाघ जी मुनि १७८३ । ३ प्रश्नव्याकरण (जयप्राभृत) ४ गार्ग्य संहिता ... गर्गमुनि (मूल प्रति अपूर्ण, मद्रास ओरियण्टल
लायब्ररी) ५ हस्तकाण्ड
... पार्वचंद्र ६ शकुनावली
.... सिद्धसेन (बड़ौदा) ७ स्वप्नचिन्तामणि ... दुर्लभराज (हमारे संग्रह में मी है) ८ स्वप्रप्रदीप
... वर्द्धमान सूरि (हीरालाल हंसराज-द्वारा मुद्रित) ९ शकुनरत्नावली ... , (बड़ौदा) १० सामुद्रिक-लक्षण ... लक्ष्मीविजय , ११ सामुद्रिक
... अजयराज , १२ ,
... रामविजय , १३ रमलशास्त्र
... भोजसागर , १४ रमलसार
... विजयदान सूरि , १५ सामुद्रिकमाषा
... खर० रामचंद्र सं० १७२२ मेहरा में हिन्दी में
रचित (बीकानेर मा०) १६ न्योतिः-प्रकाश
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