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________________ ११६ जैन श्रमण संघ का इतिहास ITIA><TITHInstitwanisonmami diununionli>-THRIDwami>C ID=opmeon: TUR-ONLIMIDDHIHIND Thlamidesh ||No Fool Is ISISom आगमोद्धारक आचार्य श्री आनन्द सागर दौलत सागरजी ठा० ४ बेजलपुर भरुच । सूरीश्वरजी का मुनि समुदाय विज्ञानसागरजी ठा० २ शाजापुर । भा. माणेक्य सागरसूरिजी, मुनि चंदन सागरजी बसत सागरजी ठा० २ सुणाव । चन्द्र प्रभ सागर जी ठा०२ अहमदाबाद । ठा० ११ जानी शैशी जैन उपाश्रय, बड़ौदा। मनक सागरजी ठा० २ कपड़ वंज । __ आ. चन्द्रसागर सरिजी, पं० ज्ञानसागरजी ठा० ६ जी० अ० जैन ज्ञान मन्दिर किंगसर्कल माटुंगा महा प्रभ सागरजी, प्रेम सागरजी (मालवा) इन्द्रसागरजी ठा० २, इन्दौर । बम्बई १९ नंदीघोष सागरजी, मित्रानंद सागरजी खंभात । आ० हेमसागरजी ठा० ७ शीव बम्बई । उ० देवेन्द्र सागरजी ठा० ६ एन्डज रोड़ शांता साध्वी वर्ग कज बम्बई २३ (स्व. साध्वी श्री तिलक श्री का समुदाय) साध्वी गणि धर्मसागरजी ठा०५ उदयपुर । तीर्थ श्री जी, रंजमकी, दर्शन श्री सुरेन्द्र श्री जी आदि गणी दर्शन सागरजी ३, सेन्डहर्ट रोड बम्बई ४ ठा० ४४ अहमदाबाद के भिन्न २ स्थानों में। गणी हंस सागरजी ठा०४ संवेगी उपाश्रय मंगला श्री जी ठा. ३ सरत, मनोहर श्री ठा. १३ बढ़बासा। इन्दौर, मृगेन्द श्री जी ठा. ६ मोरवी- रैवत श्री जी २ ग० चिदानन्द सागरजी भावनगर । जोटाणा, प्रमोद श्री जी ठा. ५ वेजलपुर, निरुपमा ग० लब्धिसागरजी, ठा० ३ लुणावाड़ा। श्री जी ठा. ४ भावनगर, प्रवीण श्री जी ठा.६ बोटाद, मुनि जय सागरजी ० ४ गोपीपुरा सूरत । सुमन श्री ठा. ३ बेडा, राजेन्द श्री ठा. ४ जूनागढ़, गुण सागरजी ०० २ हिंगवघाट । फल्गु श्री ठा. ७ नन्हैल साध्वी इन्दु श्री ठा. लश्कर, चन्द्रोदय सागरजी ठा० अहमदाबाद । कनक प्रभा श्री ठा. ६ पालीताणा, गुणोदय श्री ठा. ४ कंचन विजयजी ठा०४ गोधरा । लीबडी, रोहोता श्री ठा. २ दहेगाम (साध्वीजी पुष्पा बुद्धि सागरजी ठा० ४ कपड़ वंज। श्री का समुदाय) साध्वी श्री पुष्पा श्री ठा. ४ कपड सुरेन्द्र सागरजी ठा० २ सरत । वंज, सुमलया श्री ठा. ७ कपडवंज, प्रभजना श्री ठा. संयम सागरजी ठा० २ उज्जैन । २ भावनगर, सूर्य कांता श्री ७ भुज कच्छ, मनक श्री शांति सागरजी ठा० ४ गंगधार मालवा। ३ अहमदाबाद, हेमेन्द श्री ३ मलाड बम्बई, महेन्में मेघसागरजी मृगांक सागरजी म्हेसाणा। श्री ४ भावनगर, पद्मलता श्री ३ सरत, किरण श्री ५ मनोज्ञ सागरजी ठा० ड मलाड बम्बई । लुणावाडा (साध्वी देव श्री का समुदाय) मंगल श्री २ चम्पक सागरजी टा० २ माणसा। पाटन, अंजना श्री ३ ऊझा, सुज्ञान श्री ५ मंदसौर, रैवत सागरजी ठा० २ अहमदाबाद । सद्गुण श्री २ पालीताणा, गुलाब श्री २ बडनगर, अमूल्य सागरजी ठा०२ अहमदाबाद । चेलणा श्री ३ बकोढा। Shree Sudhamaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034877
Book TitleJain Shraman Sangh ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain
PublisherJain Sahitya Mandir
Publication Year1959
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size133 MB
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