SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 117
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वर्तमान जैन मुनि-परम्परा MiDel:PART:IEWS INDIAID THIS TIP://INSTI HINDITU NISonalisonous IHR HISANNAISINU Iso9 ISorld DIN HISTITHAINDIAN आ. विजय नीति मूरीश्वरजी का मुनि समुदाय महिमा श्री ११ पाटण, सुनंदा श्री १० अंग्रेजी ____ आ० हर्ष मूरिजी, आ० महेन्द्रसरिजो, पं० मंगल काठेर बनारस, वसंत श्री ७ धाराजी, तीलक श्री विजयजी आदि लुवारनीपोल अहमदाबाद । शिवगंज, चेतन श्री २ नासिक, चन्द्र प्रभा श्री ३ श्रा० उदयगरिजी ३ चोटीना।। जोधपुर, माणेक श्री २ सूरत, पुष्पा श्री ३ साडी, 4. भानु विजयजी, ५० सुबोध विजयजी ४ सुमता श्री ३ पाली, दानलता श्री ३ नाडलाई, सुलोपालीताणा। चना श्री ३ उयना धादि। पं. मनहर विजयजी नवाडीसा। पं० धर्म विजयजी डेलावाला का मुनि समुदाय पं० दानविजयजी, पं० संपत वि., ठा. ५ भट्टी की वारी, पं० शांति वि०, पं० मंगल वि०, १० समुद्र वि. ____ आ० राम सूरीश्वरजी ७ सादडी। ५० अशोक वि० ५ डेलाना उपाश्रय, मुनि चन्द्र विजयजी खुशाल भवन, ३ सरत, पं. राजेन्द्र वि० ३ डभोई, भुवन विजय जो ३ नागपुर यशोभद्र विजयजी ३ अहमदाबाद, भद्रं कर मानतुंग विजयजी सरसपुर अहमदाशद । विजयजी श्रादि पाटण। पं० कुशल वि० २ मांगरोल । साध्वीजी चम्पा श्री, लावण्य श्री श्रादि ठाणा १० राम विजयजी २ करनूल | अहमदाबाद। सोमविजयजी, उम्मेद विजयजी रतन विजयजी रंजन श्री राधनपुर, चतुर श्री जावाल, हरख श्री ३ अजमेर । खीमेल, सुशीला श्री बेडा, उत्तम श्री, कंचन श्री सुशील विजयजी २ जामनगर । ललित श्री, रमणीक श्रो, पुष्पा श्री, मंगल भी अनोप सुन्दर विजयजी ३ कोयम्बटूर । श्री, महिमा श्री महेन्द्र श्री आदि गुजरात में चातुर्माभरत विजयजी २ शिवगंज । शुभ विजयजी २ लोदरा, देवेन्द्र वि० २ खेरडी सार्थ विराजती हैं। आबू, न्याय वि० २ डभोडा, चन्द्र वि० २ नागौर, आ. श्री विजय माहन सूरीश्वरजी का मनि समदाय नोविजयजी २ नासौली, रवि वि० २ जरका, राज- श्रा० श्री विजय प्रताप सरिजी ४ जैन साहित्य हंस वि० महुवा, बल्लभ वि. २ कांठ गांगड। मंदिर पालीताणा । साधी वग आ. विजय धर्म सरिजी, यशोविजयजी, शताव. गुण श्री, मनोहर श्री ५ कंचन श्री ७ जीना श्री धानी मुनि जयानद वि० बादि वैताल पैठ पूना । ५ प्रभा श्री २ मणी श्री ३ सुनदां श्री ५ कीर्ति श्री २ आ० प्रीतिचन्द्र सरिजी ३ सूरत । कुसुम श्री ४ श्रादि अहमदाबाद । माणेक वि० ३ बडनगर, सुबोध वि०० मान कंचन श्री ४ लावास्य श्री ११, वल्लभ श्री २ कुवा (कच्छ), हरख वि० लोडाया, महेन्द्र वि० सूरत । चन्द्र श्री २, निर्मला श्री ४, हीरण श्री मंजुग श्री, साध्वीजी श्री जसवंत श्री, हेमन्त श्री, शणगार कंचन श्री अरुणा श्री आदि पालोताणा । श्री, उत्तम श्री, कचन श्री आदि ३६ पालीताणा। Shree Sudhammaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034877
Book TitleJain Shraman Sangh ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManmal Jain
PublisherJain Sahitya Mandir
Publication Year1959
Total Pages222
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size133 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy