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________________ २४ श्री महावीर स्वामी-चरित ४३९ बरस छः महीने और १५ दिन* घोर तप करनेके बाद उनको केवलज्ञान हुआ । २९ बरस ५ महीने और २० दिन तक केवली अवस्थामें जीवोंको कल्याणका उपदेश दे विक्रम सं. ४७१ ( ई. स. ५२८ ) पूर्व कार्तिक वदि ३० को ७२ बरस ७ महीने और १८ दिनकी आयु पूर्णकर मोक्ष गये । # श्री पार्श्वनाथ तीर्थकरको मोक्ष गये जब २५० बरस बीत गये थे तब श्रीमहावीर स्वामीका निर्वाण हुआ । गौतमगणधरको ज्ञान और मोक्षलाभ निकालनेसे १२या ४५१५ दिन हैं। इन होते हैं और जब देवशर्माको उपदेश देकर गौतमस्वामी लौटे तो मार्गमें उन्होंने भगवानके निर्वाण होनेके समाचार सुने । सुनकर वे * उपवासों और पारणोंके दिनोंकी संख्या ४५१५ दिन हैं । इन दिनोंके बरस महीने निकालनेसे १२ बरस ६ महीने और १५ दिन होते हैं और दीक्षाकी मिति मार्गशीर्ष वदि १० से केवलज्ञान प्राप्तिकी तिथि वैशाख सुदि १० तक साढ़े पांच महीने ही आते हैं । इससे मालूम होता है कि उस बरस चैत्र अथवा वैशाखका महीना अधिक मास रहा होगा। अधिकमास हमेशा चेत, वेसाख, जेठ, असाढ़ या सावनहीं में आते है। 11 सासान्यता महावीरस्वामीकी उम्र ७२ बरसकी मानी जाती है। इसका कारण मोटे रूपसे उम्र बताना है। जन्म, दीक्षा, ज्ञान और निर्वाणकी तिथियोंके साथ हिसाब लगानेसे भगवानकी उम्र ७२ बरस ७ महीने और १८ दिन आती है । यदि इसमें कोई भूल हो तो विद्वान सुधारकर सूचना देनेकी कृपा करें। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034871
Book TitleJain Ratna Khand 01 ya Choubis Tirthankar Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGranth Bhandar
Publication Year1935
Total Pages898
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size96 MB
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